नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक रात सोमवार को राजनीतिक रंग ले गई, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का महिला क्रिकेट टीम को बधाई देने वाला ट्वीट बीजेपी के तीखे व्यंग्य का शिकार हो गया. बीजेपी ने मौके का फायदा उठाते हुए ममता की हालिया विवादास्पद टिप्पणी याद दिलाई, जिसमें उन्होंने रात में बाहर घूमने वाली महिलाओं पर सवाल उठाया था.
यह बहस तब शुरू हुई जब हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम ने नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर भारत का पहला महिला विश्व कप ट्रॉफी जीता. इस जीत ने पूरे देश को उत्साह से भर दिया और भारत को क्रिकेट की महाशक्तियों में शामिल कर दिया. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ममता ने लिखा, “आज पूरा देश हमारी महिला टीम पर बेहद गर्व कर रहा है. विश्व कप फाइनल में उन्होंने जो जज्बा और दबदबा दिखाया, वह आने वाली पीढ़ियों की लड़कियों के लिए प्रेरणा बनेगा. आपने साबित कर दिया कि आप विश्व स्तर की टीम हैं और हमें कई शानदार पल दिए. आप हमारी हीरो हैं. भविष्य में और बड़ी जीत आपका इंतजार कर रही हैं. हम आपके साथ हैं!”
मुख्यमंत्री की यह दिल खोलकर तारीफ पूरे देश के गर्व को प्रतिबिंबित कर रही थी, लेकिन विपक्ष ने इसे राजनीतिक हमले का मौका बना लिया. एक घंटे के अंदर ही बीजेपी के आधिकारिक हैंडल ने जवाब दिया और ममता की पिछले महीने की टिप्पणी को घसीट लिया. दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में गैंगरेप मामले पर ममता ने कहा था कि पीड़िता रात 12:30 बजे बाहर क्यों थी.
बीजेपी ने लिखा, “ओएमजी, वो तो रात 12 बजे तक खेल रही थीं, लेकिन आपने तो कहा था 8 बजे तक घर आ जाओ #रात8टा #महिला विश्व कप 2025” इस व्यंग्य से ममता की उस टिप्पणी की याद ताजा हो गई जिसमें उन्होंने कहा था, “खासकर लड़कियां रात में बाहर न निकलें. उन्हें खुद को भी बचाना चाहिए.” इस बयान पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भारी आक्रोश हुआ था. आलोचकों ने इसे पीड़िता को दोष देने वाला बताया था.
केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था, “मुख्यमंत्री बंगाल में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह विफलता की जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं. चौंकाने वाली बात है कि अब भी वे दोष निजी कॉलेज पर डाल रही हैं!”
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने ममता को “महिला सम्मान पर कलंक” कहा, जबकि राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी बयान को “बेतुका” बताया. इधर, 21 साल की शेफाली वर्मा के धमाकेदार प्रदर्शन से सजी रविवार रात की जीत ने पूरे देश को एकजुट कर दिया. ऑनलाइन बहस जारी है, लेकिन हरमनप्रीत कौर की खुशमिजाज टीम इस विवाद से ऊपर है. उन्होंने लाखों प्रशंसकों का दशकों पुराना इंतजार खत्म करते हुए विश्व खिताब और यादगार रात दी है.