नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण के दो हैरान करने वाले हादसे ने सबको स्तब्ध कर दिया है. दोनों घटनाओं में अपहरणकर्ताओं ने बच्चों को उठा लिया और फिर उनकी मांओं से शादी या साथ रहने की शर्त पर रिहाई की मांग की. ये मामले शहर के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े हैं. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया, साथ ही अपहृत बच्चों को भी बिना नुकसान के उनके परिवार तक पहुंचा दिया.
एक अंग्रेजी न्यूज पोर्टल के मुताबिक, पहली घटना पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर क्षेत्र से 15 सितंबर को दर्ज हुई. एक महिला ने स्थानीय थाने में बताया कि उसके तीन साल के बेटे का अपहरण एक पड़ोसी ने कर लिया है. शाहदारा के डीसीपी प्रशांत गौतम ने खुलासा किया कि आरोपी के साथ महिला का संपर्क दो महीने पहले शुरू हुआ था. एक महीने बाद उसने शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन महिला ने साफ मना कर दिया.
इससे नाराज आरोपी ने इलाज के बहाने बच्चे को अपने साथ ले जाकर उसे गायब कर दिया. पुलिस ने 30 से अधिक सीसीटीवी रिकॉर्डिंग्स की छानबीन की, कॉल डिटेल्स और तकनीकी ट्रैकिंग से आरोपी का पता लगाया. शुरुआत में लगा कि वह बिहार भागा है, लेकिन वह जगह-जगह लोकेशन बदल रहा था. एक मौके पर जब महिला ने व्हाट्सएप पर कॉल किया, तो पता चला कि वह गुजरात के सूरत रेलवे स्टेशन पर मौजूद है.
19 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने स्टेशन पर छापा मारा और आरोपी को हिरासत में ले लिया. बच्चा भी सुरक्षित मिला. आरोपी को दिल्ली लाकर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे न्यायिक कस्टडी में भेज दिया गया. दूसरी घटना पश्चिम दिल्ली के विकासपुरी से जुड़ी, जहां 28 सितंबर को एक मां ने अपने सात साल के बेटे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई.
बेटा स्कूल जाते समय गायब हो गया था, और मां ने संदेह अपने पूर्व लिव-इन पार्टनर पर जताया. वेस्ट जिले के डीसीपी शरद भास्कर ने बताया कि आरोपी बेहद संदेहास्पद और हिंसक प्रवृत्ति का था. वह महिला के हर संपर्क पर जलन महसूस करता और कभी-कभी मारपीट भी करता. इसी कारण महिला ने उससे नाता तोड़ लिया था, लेकिन आरोपी लगातार साथ लौटने का दबाव डाल रहा था.
जांच में सीसीटीवी से पता चला कि स्कूल के आसपास दो लोग बच्चे को जबरन ले जाते दिखे. अपहरण के बाद आरोपी ने फोन स्विच ऑफ कर दिया. फिर भी, सोशल मीडिया विश्लेषण और तकनीकी निगरानी से उसकी लोकेशन ट्रेस हो गई. पुलिस ने एक फार्महाउस पर दबिश देकर आरोपी, उसके दो साथियों और बच्चे को मुक्त कराया. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि बच्चे को तुरंत उसकी मां के हवाले कर दिया गया.