जब पूरा देश जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव पर चर्चा कर रहा था, तब यूपी के बरेली में एक बड़ा प्लान बन रहा था, वहां की मीटिंग में दिल्ली घेरने की भयंकर प्लानिंग रची जा रही थी, जैसे ट्रैक्टर से किसानों ने लालकिले तक को घेर लिया था, पहलवानों ने जंतर-मंतर पर दिन-रात प्रदर्शन किया, क्या वैसी ही तस्वीर दिल्ली की फिर होने वाली है, क्योंकि जो जानकारी बरेली सामने आई है, उसे सुनकर मोदी-योगी दोनों यही कहेंगे कि इनसे बात करनी होगी, इन्हें हर हाल में रोकना होगा. ये हैं मौलाना तौकीर रजा जो कहते हैं देशभर का मुसलमान घरों से निकलेगा, सड़कों पर उतरेगा और देश को जाम कर देगा.
तो क्या मुंबई में जैसे ओवैसी के समर्थकों ने कुछ दिनों पहले उत्पात मचाया ठीक वैसे ही दिल्ली में देशभर के मुसलमान पहुंचने वाले हैं, क्या गाजीपुर बॉर्डर पर जैसे राकेश टिकैत लंबे वक्त तक बैठे रहे थे, वैसे ही इस बार तौकीर रजा और कई मौलाना करने वाले हैं. अगर हां तो फिर गाजीपुर बॉर्डर से लेकर टिकरी बॉर्डर तक की सुरक्षा बढ़ानी होगी, दशहरे के तुरंत बाद दिल्ली में छठ पूजा की भीड़ होती है, इस वक्त दिल्ली घेराव की प्लानिंग के पीछे का आखिर मकसद क्या हो सकता है, आईबी को ये भी पता करना होगा कि इसकी आड़ में सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोई प्लानिंग तो नहीं है, क्या शाहीन बाग की तरह दूसरा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी हो रही है, आंदोलन अगर शांतिपूर्ण हो तो सवाल नहीं उठते, लेकिन उत्तर प्रदेश से जैसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, वो कई तरह के आशंकाओं को जन्म देती है.
ये कुशीनगर से पकड़े गए लोग हैं, जिनमें से कुछ ने मुंह छिपा रखा है, तो कई महिलाएं बुर्के में हैं, इन पर सूरत की तरह पंडाल पर पत्थर फेंकने के आरोप है, मां दुर्गा की मूर्ति का अपमान करने का आरोप है, जिन्हें सिंघम आईपीएस संतोष मिश्रा के आदेश पर पकड़ा गया तो योगी भी हिल गए, और तुरंत यूपी में मंदिरों की सुरक्षा तगड़ी करने का आदेश जारी कर दिया.
सेना वाले ड्रोन कैमरे से मंदिरों की सुरक्षा
यानि मंदिरों की सुरक्षा अब फुलप्रूफ होगी, बीते दिनों मुर्तजा ने जैसे गोरखपुर मंदिर में घुसने की कोशिश की थी, अयोध्या मंदिर को लेकर जैसे बार-बार अलर्ट जारी होता है, वो साफ बता रहा है यूपी पुलिस और योगी दोनों के सामने चुनौतियां बड़ी हैं. इसीलिए योगी कह रहे हैं जो कानून हाथ में लेगा, उसे कानून सबक सीखाएगा. कहते हैं राम मंदिर निर्माण के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा को लेकर जो ख़बरें आ रही हैं, बीजेपी के बड़े-बड़े नेता जिस तरह से कह रहे हैं अयोध्या पूरा हुआ, अब काशी-मथुरा बाकी है, उससे कुछ लोगों में नाराजगी है, और कहते हैं नाराजगी जब ज्यादा बढ़ जाए तो वो किसी एक बात फुटती है, यूपी में कुछ लोगों का गुट तो इस बात से भी नाराज है कि बाबा का बुलडोजर धर्म देखकर चल रहा है.
ऑपरेशन लंगड़ा पर जाति का चश्मा चढ़ा हुआ है, जबकि कई मामलों में सच्चाई इससे ठीक उलट है. फिर सवाल ये भी है कि क्या दिल्ली घेराव का प्लान सिर्फ यति नरसिंहानंद की टिप्पणी को लेकर है, या फिर नाराजगी कई सारी बातों पर है, और दिल्ली पहुंचकर कई मौलाना अपनी मांगों की लंबी लिस्ट मोदी सरकार को सौंपना चाहते हैं. अगर बात ज्ञापन की हो तो समझ एक प्रतिनिधिमंडल ये कर सकता है, अगर यूपी से लाखों मुस्लिमों का काफिला दिल्ली की ओर बढ़ता है, देश के अलग-अलग इलाकों से मौलाना भीड़ लेकर दिल्ली घेराव का प्लान बनाते हैं, तो फिर कानून व्यवस्था का सवाल भी खड़ा होगा, क्योंकि बीते दिनों जितने भी आंदोलन हुए, उसमें कोई न कोई ऐसी तस्वीर जरूर आई, जिसमें देश का अपमान हुआ. लालकिले से झंडा उतारकर खालिस्तानियों वाला झंडा लगाने की तस्वीर आज भी पूरा हिंदुस्तान नहीं भूल पाया है.