वो साधु बनकर मठ में घुसता, साधुओं से शिक्षा-दीक्षा लेता, फिर योगी तक पहुंच बनाता, और उसके बाद वो करने की साजिश रचा, जो इस देश में दो-दो प्रधानमंत्रियों के साथ हुआ, यहां तक कि एक मुख्यमंत्री के साथ भी हुआ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक भी इसी तरीके की पहुंच बनाने की साजिश कुछ लोगों ने रची, लेकिन अब वही साजिश सीएम योगी के लिए रची जा रही है, जिसका इशारा 15 सितंबर 2024 को योगी के मठ से 300 किलोमीटर दूर बने एक मठ में मिला तो सबके होश उड़ गए.
तस्वीरों में दिख रहा ये दुबला-पतला सा लड़का कोई साधु नहीं है, साधु की वेश में बैठा बड़ा छलिया है, जो रायबरेली में गंगा किनारे बने डलामऊ मठ में पहुंचता है. सफेद कुर्ता और भगवा रंग का गमछा लिए ये लड़का कहता है...मैं महाराष्ट्र से आया हूं, वहां के साधुओं ने मुझे रायबरेली में गंगा किनारे बने बड़ा मठ में शिक्षा-दीक्षा हासिल करने के लिए भेजा है. मैं संस्कृत की शिक्षा लेना चाहता हूं. इतना सुनते ही वहां मौजूद साधू-संत उसे पानी पिलाते हैं, खाना खिलाते हैं.
रात का वक्त था तो कहते हैं यहीं आराम कर लो, लेकिन जैसे ही वो बिस्तर पर लेटता, वहां मौजूद एक साधू उससे आधार कार्ड मांगता है, वो आनाकानी करता है और आखिर में उसकी जेब से एक ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है, जिस पर उसका नाम मोहम्मद सलीम लिखा होता है और पता जम्मू-कश्मीर का होता है, जिसे देखते ही आनन-फानन में मठ के साधू पुलिस को कॉल करते हैं, पुलिस अगले 20-30 मिनट में पहुंच पाती, उससे पहले ही वो साधुओं को चकमा देकर फरार हो जाता है.
एसपी डॉ. यशवीर सिंह कहते हैं...स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुटी है, मामला गंभीर नजर आता है, इसकी गहनता से जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. लेकिन इस तरीके से युवक का वेश बदलकर पहुंचना, उसके पास जम्मू-कश्मीर का आईडी कार्ड निकलना, ये इशारा करता है कि दाल में कुछ न कुछ काला जरूर है. ये ऐसे वक्त में हुआ है, जब कुछ समय पहले ही ऐसी ख़बर आई थी कि पाकिस्तान से कई घुसपैठिए हिंदुस्तान में कदम रख चुके हैं और इस बार हाफिज के लड़के नहीं बल्कि खुद पाकिस्तानी आर्मी के कमांडो भारत में वेश बदलकर घुसपैठ कर रहे हैं और ये दावा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि कश्मीरी कार्यकर्ता अयूब मिर्जा ने किया है, जिनका कहना है...पाकिस्तानी SSG के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल आदिल रहमानी मुजफ्फराबाद में बैठकर भारत में घुसपैठ करवा रहा है. करीब 600 पाकिस्तानी कमांडो ने कुपवाड़ा क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर की अन्य जगहों में घुसपैठ की है. इन जगहों पर एक्टिव स्लीपर सेल के लोग इनकी मदद कर रहे हैं.
इस दावे के बाद जम्मू और पंजाब में कई ऐसे लोग देखे भी गए, जिसने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए. तो सवाल ये उठता है कि क्या रायबरेली में वेश बदलकर पहुंचे इस लड़के का क्या इनसे कोई नाता था या नाम बदलकर सच में ये सिर्फ शिक्षा हासिल करना चाहता था. अगर मठ में संस्कृत का ज्ञान ही लेना था तो वृंदावन जाता, मथुरा जाता, अयोध्या जाता, वाराणसी जाता, रायबरेली ही क्यों, क्या इसलिए क्योंकि अयोध्या इसके ठीक बगल में है, और एक महीने में पांचवीं बार योगी अयोध्या जा चुके हैं, क्या ये रायबरेली की मठ में घुसने के बाद अयोध्या राम मंदिर के आसपास पहुंचने की प्लानिंग बना रहा था, या फिर रायबरेली से 300 किलोमीटर दूर गोरखपुर में बने सीएम योगी के मठ तक पहुंचना चाहता था.
इन सारे सवालों का जवाब योगी की पुलिस और उनकी सुरक्षा को लेकर जानकारी जुटाने वाले खुफिया विभाग के अधिकारियों को तलाशने होंगे, क्योंकि ये जिस मठ में पहुंचा था, उस मठ में 37 बच्चे पढ़ते हैं, साल 1957 में गंगा नदी के किनारे बनाए गए इस मठ की संवेदनशीलता इतनी है कि पास में ही पुलिस चौकी बनी है, बावजूद उसके वेश बदलकर कोई कैसे मठ तक पहुंच गया और फिर पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई, ये चौंकाने वाला लगता है. क्या यूपी में भी कुछ इसके मददगार छिपे हैं, जिनकी सही शिनाख्त की जरूरत है, क्योंकि आए दिन यूपी के अलग-अलग शहरों से भी कई संदिग्ध एजेंट पकड़े जाते रहे हैं. अगर ऐसा है तो फिर सीएम योगी की सुरक्षा बढ़ाए जाने की जरूरत है.