बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में हाल ही में बिगड़े हालात के पीछे बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. पुलिस जांच में सामने आया है कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने पूरे कांड की योजना बनाई थी. नदीम ने गुरुवार देर रात अचानक सक्रिय होकर बरेली के ही करीब 55 लोगों को फोन किया और उन्हें अलग-अलग इलाकों से भीड़ जुटाने के लिए निर्देश दिया. पुलिस के अनुसार इन्हीं लोगों के माध्यम से करीब 1600 लोग एकत्र हो गए और उन्हें खलील स्कूल तिराहे और श्यामगंज इलाके में माहौल बिगाड़ने के लिए प्रेरित किया गया.
जांच में सामने आया है कि इस पूरे षड्यंत्र का मकसद सिर्फ ज्ञापन देना ही नहीं था. बल्कि, इस्लामिया मैदान में अनिश्चितकालीन समय के लिए धरना-प्रदर्शन कर शक्ति प्रदर्शन करना था. हालांकि, मौलाना तौकीर रजा की कोई योजना सफल नहीं हो सकी. गुरुवार रात नफीस और लियाकत के साथ मिलकर नदीम ने पुलिस को पत्र सौंपा था कि शुक्रवार को कोई प्रदर्शन नहीं होगा और लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपने-अपने मोहल्लों की मस्जिद में नमाज अदा करेंगे, लेकिन उसी रात करीब दो बजे नदीम ने आईएमसी के व्हाट्सएप ग्रुप में यही पत्र पोस्ट कर लिखा कि यह फर्जी है.
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इस्लामिया मैदान में सभा व प्रदर्शन की अनुमति स्कूल प्रबंधन से कभी नहीं ली गई थी. इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य तौकीर सिद्दीकी ने स्पष्ट किया कि न तो मौलाना और न ही आईएमसी (IMC) ने कभी अनुमति मांगी थी. जब जिला प्रशासन ने ही अनुमति नहीं दी तो स्कूल की ओर से भी किसी तरह की मंजूरी नहीं दी जा सकती थी. यह सब किसके इशारे पर हुआ. यह बड़ा सवाल है.
पुलिस ने अबतक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि नदीम ने अपने साथियों के साथ पुलिस व आम लोगों दोनों को गुमराह किया. गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने अपना फोन बंद कर लिया और गायब हो गया. शुक्रवार को अचानक उसने दोबारा फोन चालू कर अपने समर्थकों को सक्रिय किया और दोबारा भीड़ को भड़काया.
बारादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि चक महमूद निवासी अनीस सकलैनी व नदीम भीड़ का पूरी तरह से नेतृत्व कर रहे थे. दोनों फोन पर लगातार किसी से निर्देश ले रहे थे और भीड़ को इस्लामिया मैदान की ओर बढ़ने के लिए उकसा रहे थे. बाद में इन्हीं की अगुवाई में नारेबाजी और पथराव हुआ. पुलिस अब दोनों की कॉल डिटेल खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें निर्देश किसने दिए.