नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पटना के फुलवारीशरीफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद सज्जाद आलम को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आईजीआई) से गिरफ्तार किया. आरोपी दुबई से भारत लौटा था. बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के निवासी आलम को NIA की एक टीम ने शनिवार को विमान से उतरते ही गिरफ्तार कर लिया. पटना स्थित NIA की विशेष अदालत ने प्रतिबंधित संगठन PFI के प्रशिक्षित कैडर आलम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इसके अलावा, उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया था.
NIA की जांच के अनुसार, आलम दुबई से बिहार में PFI सदस्यों तक अवैध धन पहुंचाने में शामिल था. कथित तौर पर अवैध फंडिंग का काम यूएई, कर्नाटक और केरल में स्थित एक सिंडिकेट के माध्यम से चलाया जाता था. कथित तौर पर इस धनराशि का उपयोग भारत में PFI की गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए किया गया था. यह गिरफ्तारी फुलवारीशरीफ मामले में चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां NIA बिहार और देश के अन्य हिस्सों में प्रतिबंधित संगठन के संचालन से जुड़े कथित षड्यंत्रों और वित्तीय नेटवर्क की जांच कर रही है.
जुलाई 2022 में फुलवारीशरीफ पुलिस की ओर से शुरू में दर्ज किया गया यह मामला PFI सदस्यों की गैरकानूनी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने से संबंधित है. जांच से पता चला है कि PFI के सदस्यों ने आतंक का माहौल बनाने और विभिन्न समुदायों के बीच धार्मिक दुश्मनी भड़काने की साजिश रची थी. उनका उद्देश्य सार्वजनिक शांति को भंग करना, भारत के खिलाफ असंतोष फैलाना, कथित तौर पर देश में इस्लामी शासन स्थापित करने के PFI के वैचारिक एजेंडे को आगे बढ़ाना था. NIA की जांच में एक दस्तावेज का खुलासा हुआ था.
NIA के मुताबिक, PFI अपने "इंडिया 2047 टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया" नामक दस्तावेज के आधार पर भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने का प्रयास कर रहा था. जांचकर्ताओं का आरोप है कि इन गतिविधियों में PFI विचारधारा का प्रचार करने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग भी शामिल था. 2022 में मामला दर्ज होने के तुरंत बाद NIA ने जांच अपने हाथ में ले ली थी.
NIA ने इस मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद अब तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल कर दी है. मोहम्मद सज्जाद आलम की गिरफ्तारी इस मामले में 18वीं है. NIA भारत में प्रतिबंधित संगठन के नेटवर्क और गतिविधियों को खत्म करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए है.