वाराणसी: वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार को एक हैरान करने वाली घटना में, बेंगलुरु जाने के लिए तैयार अकासा एयरलाइंस की उड़ान क्यूपी-1424 के एक यात्री ने रनवे पर अचानक विमान का इमरजेंसी गेट खोल दिया, जिससे विमान में अफरा-तफरी मच गई. इस घटना के कारण विमान को रनवे से वापस एप्रन (पार्किंग क्षेत्र) लाना पड़ा और उड़ान में लगभग एक घंटे की देरी हुई.
घटना उस समय हुई जब उड़ान क्यूपी-1424, जो शाम को बेंगलुरु के लिए उड़ान भरने वाली थी, रनवे पर टेकऑफ की प्रक्रिया में थी. अचानक एक यात्री ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के इमरजेंसी गेट खोल दिया, जिससे केबिन क्रू और अन्य यात्रियों में हड़कंप मच गया. सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, विमान को तुरंत वापस एप्रन क्षेत्र में लाया गया, जहां सभी यात्रियों की दोबारा जांच की गई और विमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की गईं.
हवाई अड्डा अधिकारियों ने तत्काल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और स्थानीय पुलिस को सूचित किया. फूलपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि यात्री को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा, "यात्री ने इमरजेंसी गेट खोलकर विमान की सुरक्षा को खतरे में डाला. प्रारंभिक जांच में यह एक गैर-इरादतन कार्य प्रतीत होता है, लेकिन हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं. तहरीर के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है."
विमान में सवार अन्य यात्रियों ने घटना पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त की. एक यात्री, राकेश मिश्रा ने बताया, "हम टेकऑफ के लिए तैयार थे, तभी अचानक गेट खुलने की आवाज आई और केबिन क्रू ने हमें शांत रहने को कहा. यह काफी डरावना था." एक अन्य यात्री, प्रिया शर्मा ने कहा, "ऐसी घटनाएं यात्रियों के बीच डर पैदा करती हैं. एयरलाइंस और सुरक्षा बलों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए."
अकासा एयरलाइंस के एक प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, "हमारी उड़ान क्यूपी-1424 में एक यात्री द्वारा इमरजेंसी गेट खोले जाने की घटना की पुष्टि करते हैं. सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और प्रोटोकॉल के अनुसार, विमान को वापस एप्रन लाया गया और सभी जरूरी जांच पूरी की गईं. हम इस मामले में जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं."
घटना के कारण उड़ान अपने निर्धारित समय से लगभग एक घंटे की देरी से बेंगलुरु के लिए रवाना हुई. पुलिस ने बताया कि यात्री के खिलाफ नागरिक उड्डयन सुरक्षा नियमों और भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है. यह घटना हवाई यात्रा में सुरक्षा प्रोटोकॉल के महत्व को रेखांकित करती है और इस तरह के व्यवहार को रोकने के लिए सख्त उपायों की आवश्यकता पर बल देती है.