मरीज की चली गई जान, क्योंकि सरकारी एम्बुलेंस में स्टेपनी नहीं थी, कांग्रेस ने की आलोचना

Amanat Ansari 03 Nov 2025 05:00: PM 1 Mins
मरीज की चली गई जान, क्योंकि सरकारी एम्बुलेंस में स्टेपनी नहीं थी, कांग्रेस ने की आलोचना

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के गुना में एक मरीज की जान चली गई क्योंकि उसे ले जा रही एम्बुलेंस का टायर पंक्चर हो गया और उसमें स्टेपनी (स्पेयर टायर) नहीं था. यह घटना तब हुई जब 65 वर्षीय जगदीश ओझा को सीने में दर्द और उच्च रक्तचाप की शिकायत के बाद म्याना स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया. सरकारी एम्बुलेंस में ले जाते समय राष्ट्रीय राजमार्ग 46 पर एक टायर पंक्चर हो गया. एम्बुलेंस में स्टेपनी नहीं थी. नतीजतन, गाड़ी सड़क किनारे करीब एक घंटे तक खड़ी रही.

इसी दौरान ओझा की हालत बिगड़ती गई और अस्पताल पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई. एम्बुलेंस चालक ने कहा कि वह उस गाड़ी पर पहला दिन काम कर रहा था और उसे पता नहीं था कि स्टेपनी है या नहीं. चालक ने कहा कि मुझे सिर्फ निर्देश मिला था कि म्याना से मरीज को लें और जिला अस्पताल पहुंचाएं. ओझा के बेटे ने आरोप लगाया कि एम्बुलेंस 45 मिनट देर से आई.

पिताजी को पहले से ही दर्द था. करीब 10 किमी चलने के बाद टायर पंक्चर हो गया. जब तक हमने दूसरी गाड़ी का इंतजाम किया और अस्पताल पहुंचे, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत की इस घटना पर कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने तीखी आलोचना की. उन्होंने अस्पताल का दौरा किया और जिला कलेक्टर से फोन पर बात कर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

विधायक ने स्वास्थ्य विभाग पर भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, कहा कि एम्बुलेंस सेवाओं में 600 करोड़ रुपए से अधिक का दुरुपयोग हुआ है और जांच की मांग की. साथ ही कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाए हैं और जांच की मांग की है.  

Guna ambulance death Madhya Pradesh patient dies

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