नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां अधिवेशन चल रहा है, कांग्रेस का मंच सजा हुआ है, मल्लिकार्जुन खड़गे मंच से सब को एकजुट होने की अपील कर रहे हैं. कांग्रेसियों से आह्वान कर रहे हैं कि जहरीले सिद्धांतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा, लेकिन मंच की एक तस्वीर देख लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. मंच पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी तो मौजूद हैं, लेकिन इस अहम मौके पर प्रियंका गांधी वाड्रा कहां हैं? ये सवाल कई लोग उठाने लगे हैं.
ये सवाल इसलिए भी उठाया जा रहा है, क्योंकि प्रियंका की गिनती कांग्रेस के सबसे मुख्य चेहरों में होती है. प्रियंका को ही कांग्रेस के महिला चेहरे के तौर पर भी देखा जाता है, लेकिन इतने अहम मौके पर प्रियंका का मंच पर ना होना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है. दरअसल कांग्रेस के इस अधिवेशन को काफी महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि यहां से कांग्रेस नेताओं ने पार्टी में एक बार फिर जान फूंकने की कोशिश की है.
‘विषैले सिद्धांतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा’
अधिवेशन के दूसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि- 1947 में गांधी जी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में सांप्रदायिक संस्थाओं के खिलाफ प्रस्ताव पर कहा था कि कांग्रेस पूरे देश की सेवक है, और हमें विषैले सिद्धांतों का जवाब देने के लिए एकजुट होना ही पड़ेगा. इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी और गुजरात सरकार पर भी सवाल उठाए. लेकिन प्रियंका गांधी की गैरमौजूदगी ने कांग्रेस को एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.