नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर सत्ताधारी बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वो भारत के लोकतंत्र को कमजोर कर रही है. ये बात उन्होंने कोलंबिया के ईआईए यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कही. गुरुवार को एक चर्चा के दौरान गांधी ने कहा कि वो भारत के बारे में बहुत आशावादी हैं, क्योंकि यहां की संस्कृति की विविधता, तकनीकी ताकत और स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत हैं. लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि देश को गंभीर खतरे हैं.
उन्होंने कहा, "भारत का सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर हो रहा हमला है. भारत वास्तव में अपने सभी लोगों के बीच एक बातचीत है... अलग-अलग परंपराएं, धर्म, विचारों को जगह चाहिए. और ये जगह बनाने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है. अभी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर पूरा हमला हो रहा है. इसलिए ये खतरा है." राहुल गांधी ने चीन से तुलना भी की.
उन्होंने कहा, "हम चीन जैसा नहीं कर सकते, जहां लोगों को दबाया जाता है और तानाशाही चलाई जाती है. हमारा सिस्टम इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा." राहुल गांधी के बयानों पर सत्ताधारी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कांग्रेस नेता पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा, "वो शर्मनाक हैं. सब जानते हैं कि वो देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, हर जगह देश की आलोचना कर रहे हैं. अगर वो कह रहे हैं कि यहां के लोग झगड़ालू हैं, ईमानदार नहीं हैं, तो इससे वो ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय बेवकूफ हैं."
ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता ने विदेशी धरती से सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोला हो. सालों से राहुल गांधी ने विदेशी मंचों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साधने के लिए किया है, जिससे सरकार की तरफ से तीखी आलोचना हुई है. 2024 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, जिस पर बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने उन पर झूठ बोलने और भारत को बदनाम करने की आदत का आरोप लगाया.
मई 2022 में लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान गांधी ने दावा किया था कि भारत का आत्मा पर हमला हो रहा है और आरोप लगाया कि सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने स्थिति की तुलना पाकिस्तान से की और कहा कि डीप स्टेट भारत को खा रहा है. 2018 में यूके और जर्मनी की यात्राओं के दौरान गांधी ने पीएम मोदी की तुलना तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से की और उन पर गैर-देशभक्त होने का आरोप लगाया, क्योंकि वो बेरोजगारी के गुस्से का राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं.
उसी साल मलेशिया में गांधी ने नोटबंदी का मजाक उड़ाया और कहा कि अगर वो प्रधानमंत्री होते तो इसे कूड़ेदान में फेंक देते. सिंगापुर में उन्होंने धमकी का माहौल और विभाजन की राजनीति की चेतावनी दी. 2018 में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी पहली विदेश यात्रा के दौरान, बहरीन में एनआरआई सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार समुदायों के बीच डर को नफरत में बदल रही है. इससे पहले, 2017 में कैलिफोर्निया के बर्कले यूनिवर्सिटी में गांधी ने कहा था कि अहिंसा का विचार पर हमला हो रहा है और पीएम मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वो सिर्फ देश की टॉप 100 कंपनियों पर फोकस कर रही है.