वाराणसी: एक ऐसा आदमी, जिस पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है, उसने जेल अधिकारियों को शॉशैंक रिडेम्पशन फिल्म के एंडी डुफ्रेन की तरह चकमा दिया. उसने 20 मई 2024 को जमानत पर बाहर आने के साथ ही जेल की चेकबुक ले ली और उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की जेल के बैंक खाते से 30 लाख रुपए निकाल लिए. पुलिस ने इसमें शामिल चार लोगों को हिरासत में लिया है और आगे की जांच की जा रही है.
सिटी एएसपी माधुवन कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि जांच में पता चला कि हत्या आरोपी रामजीत यादव ने दूसरे कैदी शिव शंकर उर्फ गोरख, सीनियर असिस्टेंट मुशीर अहमद और जेल वॉचमैन अवधेश कुमार पांडे की मदद से जेल अधीक्षक के संचालित बैंक खाते से लगभग 30 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए. पुलिस ने बताया कि चारों को हिरासत में ले लिया गया है.
यह धोखाधड़ी इस साल 22 सितंबर को जेल अधीक्षक आदित्य कुमार सिंह को 2.6 लाख रुपए की संदिग्ध निकासी दिखने पर पता चली. सिंह ने जेल के सीनियर अकाउंट्स इंचार्ज मुशीर अहमद से निकासी के बारे में पूछा, लेकिन उसने पैसे के गायब होने की कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया.
जेल प्रशासन ने उसके बाद खाता स्टेटमेंट की जांच की और आंतरिक जांच शुरू की. इससे जेल स्टाफ और दूसरे कैदी की संलिप्तता का पता चला, जिन्होंने यादव की मदद की. यादव ने खुद को जेल ठेकेदार बताकर चेकों पर जेल अधीक्षक के हस्ताक्षर जालसाजी किए. यादव आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के जमुआ शाहगढ़ गांव का रहने वाला है. उसे 24 फरवरी 2023 को पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद किया गया था.