बीजिंग: हमने फिल्मों में रोबोटों को सामान्य लोगों की तरह कामों में मदद करते देखा है और अब चीन इस विचार को वास्तविकता बनाने के लिए कदम उठा रहा है. यह देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल करने वाला है. आम तौर बेटे बेटियां ही अपने बूढ़े हो जाने पर अपने माता-पिता का खयाल रखते हैं, लेकिन चीन में यह स्थिति बड़ी हो गई है. चीन ने देश में बुजुर्गों की देखभाल के लिए रोबोट तैनात करने का निर्णय लिया है. देश में बढ़ती वृद्ध आबादी से चिंतित होने से चीन बुजुर्गों की देखभाल के लिए मानव जैसे रोबोट विकसित करने की योजना बना रहा है.
वृद्ध आबादी बनी संकट
चीन इस नीति को औपचारिक रूप से लागू करने वाला पहला देश भी बन गया. ये रोबोट बुजुर्गों को सहायता प्रदान करेंगे और उनके स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे. इसके अतिरिक्त, उन्हें अपने प्रियजनों के समान व्यवहार करने के लिए भी प्रोग्राम किया जाएगा. दरअसल, चीन अपनी तेजी से बढ़ती वृद्ध आबादी को लेकर चिंतित है. साल 2023 के अंत तक, चीन की 65 वर्ष और उससे अधिक आयु की जनसंख्या करीब 21.7 करोड़ थी, जो कुल जनसंख्या का 15.4 प्रतिशत थी. इस वर्ष जनवरी में, चीनी राज्य परिषद द्वारा जारी निर्देश में कहा गया था कि प्राधिकारियों का इरादा देश के बुजुर्गों की देखभाल में सहायता के लिए ऐसे रोबोटों के साथ-साथ कंप्यूटर इंटरफेस और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास को बढ़ावा देना है.
दुनिया में बना पहला देश
चीन रोबोट के उपयोग पर नीति को औपचारिक रूप देने वाले पहले देशों में से एक बन गया है. इस क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए, चीनी सरकार ने उपर्युक्त क्षेत्रों को लक्षित करते हुए प्रमुख राष्ट्रीय वैज्ञानिक और तकनीकी परियोजनाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है. परियोजना में साल 2027 तक, रोबोट विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है, साल 2029 तक, राष्ट्रव्यापी वृद्ध देखभाल सेवा नेटवर्क स्थापित करने की योजना बनाई गई है, और यह सुनिश्चित किया गया है कि साल 2035 तक, सभी वृद्धजन एक परिपक्व देखभाल प्रणाली के तहत बुनियादी सेवाओं का आनंद ले सकें.