जब मोदी जेलेंस्की को गले लगा रहे थे, जयशंकर किसकी क्लास लगा रहे थे!

Global Bharat 24 Aug 2024 12:49: PM 2 Mins
जब मोदी जेलेंस्की को गले लगा रहे थे, जयशंकर किसकी क्लास लगा रहे थे!

अभिषेक चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को गले लगा रहे थे, उन्हें ये भरोसा दे रहे थे कि भारत आपके साथ है तो जयशंकर मीडिया के सामने आकर किन लोगों की क्लास लगा रहे थे. 50 सेकेंड का उनका बयान आप सुनेंगे तो महसूस होगा कि ये तो गजब की कूटनीति है, यूक्रेन की धरती पर खड़े होकर ही उन तमाम यूरोपियन मुल्क के नेताओं को खरी-खोटी सुनाते हैं, जो मोदी की एक तस्वीर पर सवाल खड़े कर रहे थे.

बीबीसी के रिपोर्टर ने जयशंकर से ये सवाल पूछा, जिसके जवाब में वो कहते हैं...हमारी दुनिया (संस्कृति) में जब लोग आपस में मिलते हैं तो एक दूसरे को गले लगाते हैं. ये शायद आपकी संस्कृति का हिस्सा नहीं होगा, लेकिन यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है. मैंने देखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को गले लगाया और मैंने उन्हें कई दूसरे नेताओं और अलग-अलग जगहों पर ऐसा करते हुए देखा है. मुझे लगता है कि हमारे बीच इन शिष्टाचार मुलाकातों को लेकर हल्की सांस्कृतिक दूरी है.

जयशंकर की ये बात उन लोगों को चुभ सकती है, जो ये कह रहे थे कि मोदी ने पुतिन को गले क्यों लगाया, और ऐसा कहने वालों में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी थे, जिन्हें मोदी से मिलने के बाद ये महसूस हुआ कि भारत की संस्कृति काफी अनोखी और शानदार है, वो मोदी के साथ मुलाकात के बाद भारत आने के लिए भी तैयार होते हैं, पर इसी के साथ एक बड़ी बात भी कह जाते हैं वो कहते हैं...भारत अगर शांति का समर्थक है तो फिर उसे हमारे साथ खड़ा होना होगा. भारत अगर रूस से तेल खरीदना बंद कर दे तो बहुत कुछ सही हो जाएगा. हम कोई बैलेंसिंग एक्ट यानि संतुलन वाले कदम की उम्मीद भारत से नहीं करते हैं.

जेलेंस्की के कहने का मतलब है कि भारत पूरी तरह से यूक्रेन के समर्थन में आ जाए, लेकिन क्या ये संभव है. इंटरनेशनल मामलों के बड़े-बड़े जानकार कहते हैं कि भारत रूस का साथ नहीं छोड़ सकता है, और ना ही अब इस बदलते दौर में यूक्रेन और पोलैंड के साथ खड़े होने से पांव पीछे खींच सकता है. ये ऐसा वक्त है जब दुनिया एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है, हर किसी की अपनी-अपनी जरूरते हैं, और भारत ये बेहतर तरीके से समझता है कि हमें अपनी जरूरतें कहां से और कितनी पूरी करनी है और इस काम में जयशंकर की भूमिका सबसे बड़ी हो जाती है, क्योंकि वो इकलौते ऐसे मंत्री हैं, जिनके पास दुनिया के उन बड़े-बड़े देशों की कुंडली है, जो पहले भारत को छोटी-छोटी बात पर धमकी देते रहते थे.

शायद इसीलिए मोदी जब यूक्रेन गए तो जयशंकर ने बड़ी प्लानिंग के तहत पहले मोदी को ये सुझाव दिया कि हमें अपना स्टैंड साफ करना होगा. इसीलिए पहले मोदी कहते हैं हम तटस्थ नहीं हैं. उसके बाद जयशंकर कहते हैं मोदी ने पुतिन को गले लगाया तो वो हमारी संस्कृति का हिस्सा है, जयशंकर के इन बातों से साफ पता चलता है कि वो दुनिया को ये मैसेज देना चाहते हैं कि हमारी संस्कृति और संस्कारों पर सवाल उठाओगे तो फिर जवाब करारा मिलेगा, और मिलना भी चाहिए.

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