अखिलेश की पार्टी के एक बड़े विधायक को यूपी की एक कोर्ट ने बड़ी सजा सुनाई है. ये वही विधायक है, जिससे जेल में मिलने अखिलेश यादव गए थे तो उसके बाद यूपी के पुलिस प्रशासन ने नेताजी का जेल बदल दिया था. इन विधायकजी का नाम है इरफान सोलंकी. सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है.
20 हजार रुपये का लगाया गया जुर्माना
साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेशी हुई. इरफान सोलंकी ने बीते दिनों सुनवाई के दौरान कुछऐसा कहा था जिसके बाद उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे. इरफान के भाई रिजवान को भी 7 साल की सजा सुनाई गई है. बता दें कि कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों को तीन जून को दोषी करार दिया था.
विधायक समेत कुल 12 लोग अभियुक्त
विधायक इरफान उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, इसराइल आटे वाला और मोहम्मद शरीफ को एमपीएमएल कोर्ट ने दोषी करार दिया था. नजीर फातिमा की ओर से 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. विधायक समेत कुल 12 लोग अभियुक्त बनाए गए थे. महिला ने सभी पर अपना घर जलाने का आरोप लगाया था.
विधायकी जाना माना जा रहा है तय
अब 7 साल की सजा के बाद इरफान सोलंकी की विधायकी जाना तय माना जा रहा है. हालांकि ऊपरी अदालत में अपील के बाद अगर फैसला पलटा तो अलग बात होगी. ऐसी चर्चा है कि आजम खान और उनके बेटे की तरह इरफान सोलंकी की भी विधानसभा सदस्यता रद्द होना तय है. ऐसे में कानपुर की सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव होने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
इरफान ने 2022 में किया था समर्पण
इरफान सोलंकी ने 22 दिसंबर 2022 को पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था. इरफान, रिजवान, शौकत, शरीफ और इजरायल आटे वाले के खिलाफ 30 जनवरी 2023 को विचारण शुरू हुआ था. छह मार्च 2023 को आरोप तय हुए थे. कोर्ट ने पांचों अभियुक्तों को तीन जून को दोषी करार दिया था.