नई दिल्ली: फिरोजाबाद जिले में एक सनसनीखेज कैश वैन लूट की घटना ने पुलिस को हाई अलर्ट पर ला दिया था. 30 सितंबर की सुबह, थाना मक्खनपुर क्षेत्र के घुनपई गांव के आसपास कानपुर से आगरा की ओर जा रही जीके कंपनी की कैश वैन को दो चारपहिया वाहनों से उतरे लुटेरों ने घेर लिया. उन्होंने ड्राइवर पर असलहों की बट से वार किया, उसके हाथ-पैर बांध दिए और वैन से करीब दो करोड़ रुपए लूटकर फरार हो गए. इस वारदात से पूरे इलाके में दहशत फैल गई.
पुलिस ने तुरंत छानबीन शुरू की और महज 24 घंटे के अंदर मामले का खुलासा कर दिया. छह शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें मुख्य सरगना नरेश भी शामिल था. इनके पास से एक करोड़ से ज्यादा नकदी, लूटे गए पैसों से खरीदे गए आईफोन, मोटरसाइकिल की रसीदें और अवैध हथियार जब्त हो गए. पूछताछ में नरेश ने बताया कि लूट का कुछ हिस्सा अलीगढ़ में छिपाया है, जिसे पुलिस ने रात में छापेमारी कर बरामद कर लिया.
फिर तीसरी पूछताछ के दौरान नरेश ने घटनास्थल के पास 20 लाख रुपए छिपाने की बात कही. पुलिस उसे निशानदेही के लिए मौके पर ले गई, लेकिन वहां मौका पाकर नरेश ने चकमा देकर भाग निकला. डीआईजी शैलेश पांडे ने फरार नरेश के सिर पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया. एसएसपी सौरभ दीक्षित के नेतृत्व में एसपी अनुज चौधरी की अगुवाई वाली टीम ने उसकी तलाश तेज कर दी.
रविवार देर शाम मक्खनपुर इलाके में नरेश का पुलिस से सीधा सामना हो गया. दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई. इस दौरान नरेश को पुलिस की गोली लग गई, जबकि थाना रामगढ़ के प्रभारी इंस्पेक्टर संजीव दुबे भी घायल हो गए. एक गोली एसएसपी अनुज चौधरी के बुलेटप्रूफ जैकेट धंस गई.
घायल नरेश को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इंस्पेक्टर दुबे का इलाज भी वहीं चल रहा है. एसएसपी ने बताया कि नरेश एक कुख्यात अपराधी था, जिसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे. इस मुठभेड़ के साथ ही लूट केस का मुख्य आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया, हालांकि घटना में पुलिसकर्मियों को चोट लगना दुखद रहा. यूपी पुलिस अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है.