पटना: राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी महागठबंधन में लौटने की किसी भी संभावना को खारिज करते हुए कहा कि वे अब उनका स्वागत नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन अब सीधे विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है. बिहार में ओबीसी, ईबीसी, दलितों और आदिवासियों के लिए 65% आरक्षण लागू न किए जाने के विरोध में धरना देने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने उस समय आपा खो दिया जब उनसे पूछा गया कि अगर नीतीश वापस लौटते हैं तो क्या उनका गठबंधन उनका स्वागत करेगा.
उन्होंने पत्रकारों पर चिल्लाते हुए कहा, "बकवास मत करो, हम सीधे विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं." "आपको ये विचार कौन देता है? हम उनका स्वागत क्यों करेंगे? कोई प्रस्ताव नहीं है, बकवास मत करो." मामले को दूसरी दिशा में मोड़ने के खिलाफ मीडिया को चेतावनी देते हुए तेजस्वी ने पूछा कि वे उस व्यक्ति का स्वागत क्यों करेंगे जिसने आरक्षित वर्गों को उनके आरक्षण के अधिकार से वंचित किया.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि केवल वह और उनके पिता, राजद प्रमुख लालू प्रसाद ही राजनीतिक व्यक्तियों को कोई प्रस्ताव देने के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं. उन्होंने कहा, "अब कोई ऑफर नहीं दिया जाएगा...अब सीधे चुनाव होगा." इससे पहले, तेजस्वी ने बिहार के हालिया जाति सर्वेक्षण के आलोक में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 65% कोटा लागू करने में राज्य सरकार की विफलता के खिलाफ राजद के धरने का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा कि इसे लागू न करने से उन्हें 16% आरक्षण का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने धरने को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा सवाल यह है कि हमने इतनी सारी नौकरियां पैदा कीं, जाति जनगणना की, आरक्षण बढ़ाया ताकि ओबीसी, ईबीसी, दलित और आदिवासी समुदाय के लोगों को नौकरी मिले, लेकिन एनडीए सरकार आरक्षण चोर और कोटा विरोधी है." राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय अब आरक्षण के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि पिछली महागठबंधन सरकार द्वारा बढ़ाई गई 65% आरक्षण सीमा को लागू न किए जाने के कारण अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को अब 16% आरक्षण का सीधा नुकसान हो रहा है, जिसके कारण राज्य में इन वर्गों के 50,000 से अधिक युवाओं को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि सीएम अब आरक्षण के बारे में बात नहीं करते हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि अब हर प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं. उन्होंने दावा किया, "हमारी 17 महीने पुरानी सरकार के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई." उन्होंने कहा कि अब नीतीश राज्य चलाने की स्थिति में नहीं हैं. तेजस्वी ने आरोप लगाया, "भाजपा का चेहरा नहीं है जबकि नीतीश बेहोशी की हालत में चले गए हैं. कोई नहीं जानता कि वह आगे क्या करेंगे."