बिहार को करीब 60 हजार करोड़, आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़, ओडिशा के लिए अलग से हजारों करोड़ का फंड, महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ और रोजगार के लिए 2 लाख करोड़ का ऐलान सुनकर अगर गदगद हैं, तो ये जरूर जान लीजिए कि देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश को इस बजट से क्या मिला?
सोशल मीडिया पर लोग अभी से लिख रहे हैं, मोदी की मंत्री ने सबका साथ, सबका विकास के नारे को बदल दिया है, अब जिसका सहयोग, उसी का साथ वाला दौर चल रहा है. इस बजट पर नीतीश और नायडू की छाप दिख रही है. उन्हें विशेष राज्य का दर्जा न देकर भी सरकार ने बड़ा फंड दे दिया, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को कुछ खास नहीं मिला, जबकि वहां की जनता ने बीजेपी को इसीलिए चुना था कि डबल इंजन की सरकार उन पर ध्यान देगी.
क्या योगी की कुर्सी की लड़ाई में यूपी को कुछ खास नहीं मिल पाया. हमने भी इसकी तलाश करने की कोशिश की तो जो आंकड़े सामने आए, वो काफी हैरान करने वाले थे. इसी साल चुनाव से ठीक पहले फरवरी महीने में निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसमें उत्तर प्रदेश को 90 हजार करोड़ रुपये मिले थे. विशेष सहायता के तौर पर 17 हजार करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया था. इसके अलावा अंतरिम बजट में 10 फीसदी की हिस्सेदारी तय की गई थी.
लेकिन इस बार यूपी के लिए कुछ खास इंतजाम नहीं किया गया. शायद इसलिए क्योंकि इस बार के बजट में 5 पिछड़े राज्यों पर सरकार का ज्यादा फोकस रहा है. जिसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बंगाल शामिल है. हालांकि इसका ये कतई मतलब नहीं है कि यूपी को कोई फायदा नहीं होगा, पीएम आवास से लेकर लखपति दीदी तक की जो योजना चल रही है, वो सारी योजनाएं और तेजी से चलेंगी, सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसे शानदार बजट बताया है.
कांग्रेस, सपा, बसपा ने उठाए सवाल
हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और मायावती ने इस बजट पर सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि जिस बजट में प्रदेश के लिए कोई खास इंतजाम नहीं, वो बजट ठीक नहीं है, पर समझने वाली बात ये है कि जब अंतरिम बजट में इतनी बड़ी राशि यूपी को मिल ही चुकी है और इस बजट में भी कई बड़े योजनाओं में बड़ी हिस्सेदारी यूपी की होगी, क्योंकि उसकी आबादी सबसे ज्यादा है, तो फिर बजट पर सवाल क्यों.
सियासत से हटकर अगर एक मिडिल क्लास व्यक्ति से पूछिए कि ये बजट आपके लिए कैसा था तो वो यही कहेगा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें तो घटी नहीं, सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाकर थोड़ा ठीक किया, लेकिन सब्जियों के दाम घटें तो सुकून मिले, सपा सांसद डिंपल यादव साफ कह रही हैं कि महिला वित्त होने के बावजूद इस देश की आधी आबादी के किचेन का ख्याल निर्मला सीतारमण ने नहीं रखा, तो सवाल है कि क्या इस सरकार का किचेन से कोई सरोकार नहीं है, या फिर जानबूझकर इस बात को हवा दी जा रही है कि यूपी को इस बजट से कुछ नहीं मिला, क्या यहां भी योगी की परीक्षा ली जा रही है, एक तरफ उनकी कुर्सी पर कई नेताओं की नजर है, तो दूसरी तरफ बिहार की तरह यूपी को कोई बड़ा फंड न मिलना क्या कोई बड़ा इशारा है.