नई दिल्ली: वरात्र की पूर्व संध्या पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए, जीएसटी 2.0 के लॉन्च को एक नए आर्थिक अध्याय की शुरुआत के रूप में वर्णित किया. इसे "बचत उत्सव" की शुरुआत बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार न केवल घरेलू बोझ को हल्का करेंगे, बल्कि भारत को निवेश का चुंबक, उद्यमियों का सुरक्षित स्थान और हर राज्य को विकास की दौड़ में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा करने वाली भूमि के रूप में मजबूत करेंगे.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा, "कल से राष्ट्र जीएसटी बचत उत्सव मना रहा होगा. आपकी बचत बढ़ेगी, और आप अपनी पसंदीदा चीजें खरीद सकेंगे. यह सुधार समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाएगा." सुधार का केंद्र बिंदु वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संरचना का व्यापक सरलीकरण है. जीएसटी परिषद ने इस महीने की शुरुआत में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की सुव्यवस्थित दो-स्तरीय दर प्रणाली को मंजूरी दी, जो 22 सितंबर से प्रभावी होगी, जो नवरात्र के पहले दिन से मेल खाती है.
लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएं, जो पहले 12 प्रतिशत पर कर लगती थीं, अब 5 प्रतिशत की श्रेणी में आ जाएंगी, जबकि लगभग 90 प्रतिशत वस्तुएं, जो पहले 28 प्रतिशत स्लैब के तहत थीं, अब 18 प्रतिशत पर चली जाएंगी. हालांकि, विलासिता और पाप वस्तुओं पर 40 प्रतिशत मुआवजा सेस जारी रहेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि 2014 से पहले, राष्ट्र बहुविध करों के जाल में उलझा हुआ था, जो व्यवसायों और साधारण नागरिकों पर भारी पड़ता था.
कंपनियां अधिक लागत वहन करती थीं, जबकि आम आदमी संघर्ष करता था क्योंकि ये खर्च अंततः कैस्केडिंग लेवी के माध्यम से पास हो जाते थे. उन्होंने दावा किया कि नए जीएसटी सुधार घरेलू परिवारों के लिए दोहरा लाभ साबित होंगे, आवश्यक वस्तुओं की लागत घटाएंगे और साथ ही लोगों की जेब में अधिक बचत डालेंगे. उन्होंने कहा, "वर्षों से, व्यवसाय और उपभोक्ता दोनों करों और टोलों के जाल में फंसे थे. कंपनियां दैनिक संघर्ष झेलती थीं, और वस्तुओं को एक शहर से दूसरे तक ले जाने की बढ़ी हुई लागत अंततः गरीबों और आम नागरिकों पर आ पड़ती थी. राष्ट्र को इस भूलभुलैया से मुक्त करना आवश्यक था."
व्यवस्थित कर व्यवस्था को ध्वस्त करके, पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी 2.0 व्यवसाय करना आसान बनाएगा, अधिक निवेश आकर्षित करेगा और निष्पक्ष बाजार बनाएगा. कर सुधार को भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक एकीकृत शक्ति के रूप में चित्रित करते हुए पीएम ने आगे कहा, "ये सुधार भारत की विकास गाथा को तेज करेंगे, व्यवसाय को सरल बनाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हर राज्य विकास की यात्रा में समान भागीदार बने."