दिल्ली की राऊज एवेन्यु कोर्ट ने शराब घोटाले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को 10 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है, जिसके बाद से हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर रिमांड पर एक सीएम के साथ कैसा व्यवहार होगा, क्या ईडी के अधिकारी भी कुछ वैसा ही करेंगे जैसा कि पुलिस के अधिकारी करते हैं, राज उगलवाने के लिए जो तरीका फिल्मों में दिखाया जाता है, क्या कुछ वैसा ही ईडी की कस्टडी में भी होगा, तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों है, पर वो बताएं उससे पहले सुनिए कोर्ट में ईडी ने कौन सी ऐसी 10 बातें कही जिसे सुनते ही जज साहब ने कह 6 दिन की रिमांड दे दी। अब 28 मार्च को 2 बजे केजरीवाल को कोर्ट में पेशी होगी।
ईडी का कहना है कि हमारी रिमांड याचिका में एक्साइज पॉलिसी केस का पूरा बैकग्राउंड शामिल है। पॉलिसी इस तरह बनाई गई थी कि रिश्वत ली जा सके और रिश्वत देने वाले लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके। केजरीवाल घोटाले के सरगना हैं। केजरीवाल ने रिश्वत लेने के लिए कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया। केजरीवाल पॉलिसी के निर्माण में सीधे तौर पर शामिल थे।
सिसोदिया के सेक्रेटरी ने बताया कि सिसोदिया ने उन्हें 2021 में केजरीवाल के आवास पर बुलाया था। इस मामले में सिसोदिया भी गिरफ्तार हैं और उन्हें जमानत नहीं मिली है
विजय नायर (शराब नीति मामले में गिरफ्तार एक और आरोपी) केजरीवाल के साथ मिलकर काम कर रहा था। विजय केजरीवाल के घर के पास रहता था। वह केजरीवाल के काफी करीब रहकर काम कर रहा था। विजय नायर ने बिचौलिए की भूमिका निभाई।
केजरीवाल ने दक्षिण के समूह से रिश्वत की मांग की। हमारे पास इसे साबित करने के लिए पर्याप्त बयान हैं।
बयानों के मुताबिक, केजरीवाल ने कविता से मुलाकात की और उनसे कहा कि उन्हें दिल्ली एग्साइज पॉलिसी पर मिलकर काम करना चाहिए।
दो मौकों पर पैसों का लेनदेन हुआ। विक्रेताओं के माध्यम से रिश्वत के रूप में नकद पैसा दिया गया। इनवॉइस सिर्फ आंशिक राशि के लिए बनाई गई क्योंकि बाकी राशि रिश्वत के रूप में नकद दी गई थी।
चैट से हर बात की पुष्टि होती है। चैट के मुताबिक हवाला के जरिए गोवा में 45 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। कई लोगों को भारी नकद राशि सौंपी गई।
ईडी की ये दलीलें सुनने के बाद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार के सबूत हैं तो फिर रिमांड क्यों चाहिए, पर जज साहब ने सिंघवी की दलीलों पर ध्यान नहीं दिया। अब केजरीवाल को ईडी की कस्टडी में 6 दिन गुजारना होगा। कानून के जानकारों की मानें तो सीएम होने के नाते ईडी के अधिकारी केजरीवाल से पूछताछ में प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करेंगे।
शुरुआत में बंद कमरे में अकेले पूछताछ होती है, जो भी सबूत जांच एजेंसी के पास होगा, उसे दिखाकर पूछताछ की जाएगी, फिर अन्य आरोपियों के सामने बिठाकर भी पूछताछ हो सकती है। इस मामले में पहले से सिसोदिया और संजय सिंह तिहाड़ जेल में बंद हैं, तो उनके सामने बिठाकर भी सरजी की पूछताछ हो सकती है।
केजरीवाल को पूरा प्रोसेस पहले से पता होगा क्योंकि वो एक अधिकारी रहे हैं। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि ईडी की कस्टडी में केजरीवाल बिल्कुल सामान्य रहने की कोशिश कर रहे हैं। ख़बर है कि 21 मार्च की रात केजरीवाल को ईडी ने जब गिरफ्तार किया तो पूरी रात अपने हेडक्वार्टर के लॉकअप में रखा, वहां बेड नहीं है, इसलिए केजरीवाल को जमीन पर सोना पड़ा, बिछाने के लिए एक कंबल दिया गया, पूरी रात केजरीवाल ठीक से सो नहीं पाए, क्योंकि उन्हें शीशमहल में सोने की आदत पहले से पडी हुई थी, लॉकअप के बाहर सुरक्षाकर्मी मुस्तैद थे, सीसीटीवी से केजरीवाल की हर हरकत पर नजर रखी जा रही थी। क्योंकि कोर्ट में पेशी से पहले किसी भी आरोपी के साथ अगर कुछ भी होता है तो जांच एजेंसी को जवाब देना पड़ता है। 22 मार्च की सुबह केजरीवाल जल्दी उठे, ब्रेकफास्ट किया, दवाइयां खाई और फिर ईडी के अधिकारियों ने जब कहा कि आपको कोर्ट में पेश करने ले चलना है, तो तुरंत दिमाग लगाने लगे कि कैसे मीडिया के सामने आना है, और कोर्ट में पहुंचते ही वाशरूम गए और उसी दौरान मीडिया के सामने आकर ये कहा कि अंदर रहूं या बाहर देश के लिए समर्पित रहूंगा।
पर सवाल ये है कि अगर केजरीवाल देश के लिए समर्पित हैं तो फिर ईडी ने उन्हें सबूतों के आधार पर गिरफ्तार कैसे कर लिया, क्या आम आदमी का चोला पहने केजरीवाल के दिल में कोई चोर बैठा है, जिसका सबूत ईडी के हाथ लग गया और अब सरजी का जेल से बाहर आना मुश्किल है।