नई दिल्ली: माथे पर त्रिपुंड, गले में माला और शरीर पर भगवा पहना ये बाबा एक नंबर का अय्याश है...दक्षिण भारत का एक आश्रम जो दिल्ली के वसंतकुंज से चल रहा था, उसके संचालन की जिम्मेदारी इसी बाबा पर थी, लेकिन ये बाबा संचालन के नाम पर अश्लीलता फैलाता था...वो लड़कियों को गंदे मैसेज भेजता, उन्हें गलत-गलत जगहों पर छूता, और वो विरोध करतीं तो वार्डन से लेकर आश्रम के कर्मचारी तक कोई उनकी मदद करता, क्योंकि इस बाबा की पहुंच इतनी बड़ी थी कि ये कार पर यूएन यानि संयुक्त राष्ट्र का नंबर प्लेट लगाकर घूमता था...नतीजा पुलिस भी इस पर आसानी से हाथ नहीं डाल सकती थी...
कौन है बाबा चैतन्यानंद
यानि इसकी पहचान एक जानकार व्यक्ति के रूप में है, जो भारतीय ज्ञान, भगवद्गीता और भारतीय शास्त्रों पर शोध भी करता है. जिसे देखकर लोग इसे संत समझने लगे, करीब 12 साल पहले ये कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ से जुड़ता है, और उसी दिल्ली के पॉश इलाके में SIIMS नाम का संस्थान खोलता है, जहां मैनेजमेंट की पढ़ाई होती थी. EWS यानि गरीब स्टूडेंट्स के लिए इसने पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया और छात्रवृत्ति पर पढ़ाने लगी, लेकिन इसके पीछे इसकी मंशा गरीब छात्राओं को अपने जाल में फंसाने की थी, ये कोई नहीं जानता था.
ये गरीब छात्राओं को अपना भौकाल दिखाकर उन्हें धमकी देता, उन्हें ब्लैकमेल करता, कहता किसी से कुछ कहा तो तुम्हे छोड़ूंगा नहीं, लेकिन 4 अगस्त 2025 को इस बाबा के काले राज का पर्दाफाश होता है, जब श्री श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने करीब 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए। जिनमें से 17 छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्वामी चैतन्यानंद ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और अश्लील संदेश भेजे और जबरन शारीरिक संपर्क किया. किसी ने हमारी मदद नहीं की. बाबा को आश्रम से निकाल दिया गया है.
निकाले जाने के बाद से ही स्वामी चैतन्यानंद फरार है, उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में मिलने की ख़बर है दिल्ली पुलिस जगह-जगह उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है, लेकिन सवाल है इसकी मदद कौन कर रहा है. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि यूएन नंबर प्लेट इसने फर्जी तरीके से अपनी महंगी कार पर लगाया था, इसे कोई नंबर अलॉट नहीं हुआ. इसके अलावा कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, ऐसे में अगर इसकी तरह कोई बाबा दिखे तो घर की बहन-बेटियों को इससे दूर रहने कहिए, क्योंकि राम रहीम और आसाराम की तरह इस बाबा का भी काला चिट्ठा खुल चुका है, और न जाने कितने लोग भगवा वेश में धर्म को बदनाम करने के लिए इस तरीके की हरकतें कर रहे हैं.
अब इस बाबा का पर्दाफाश हो चुका है और लड़कियों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हो चुके हैं तो जल्द ही इसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है, और फिर कोई बड़ा खुलासा हो सकता है. लेकिन आपको ऐसे बाबाओं की कहानी उन लोगों तक जरूर पहुंचानी चाहिए, जिन्हें लगता है वेशभूषा से संत दिखने वाला हर व्यक्ति संत ही होगा, ये सीख तो हमें रामायणकाल से मिलती आ रही है कि रावण ने साधू का वेश बनाकर मां सीता का हरण किया था, इसलिए फर्जी बाबाओं से सावधान रहें, सतर्क रहें.