Yogi Adityanath: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटाने की चर्चाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. दावा किया गया भाजपा अब योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाकर केंद्र में जिम्मेदारी दे सकती है. वहीं, इस दावे को उस समय और हवा मिल गई, जब राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा कर दिया कि बीजेपी के लोग ही सीएम योगी को हटाने में लगे हैं. हालांकि स्वामी प्रासद के इस दावे में कितनी सच्चाई है कोई नहीं जानता, लेकिन हाल के दिनों में कई बार ऐसी खबरें और अफवाहें सामने आई हैं कि कुछ लोग या समूह सीएम को मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते हैं. यहां प्रश्न उठता है कि क्या वाकई में योगी आदित्यनाथ को हटाने की कोई ठोस साजिश है? और यह खबर सच्ची है तो सीएम योगी आदित्यनाथ को कौन हटाना चाहता है? आइए इस मुद्दे पर हाल की घटनाओं और उपलब्ध जानकारी के आधार पर समझते हैं.
योगी आदित्यनाथ, जो 19 मार्च 2017 से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख नेता और हिंदुत्व के प्रखर समर्थक माने जाते हैं. वह उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री हैं और दो बार लगातार इस पद पर चुने गए पहले नेता हैं. उनकी कट्टर छवि और "बुलडोजर बाबा" के उपनाम ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत हिंदूवादी नेता के रूप में स्थापित किया है. हालांकि उनकी नीतियों और प्रशासनिक फैसलों को लेकर विपक्ष और कुछ सहयोगी दलों ने समय-समय पर आलोचना भी की है.
हाल की कुछ घटनाओं और सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स के आधार पर, योगी आदित्यनाथ को हटाने की बातें कई स्रोतों से उभरकर सामने आई हैं. इनमें विपक्षी दलों, कुछ धार्मिक नेताओं, और यहां तक कि BJP के अंदरूनी नेताओं का नाम शामिल है. समाजवादी पार्टी के नेता तो योगी सरकार पर OBC और दलित समुदायों के अधिकारों को नजरअंदाज करने का तक का आरोप लगाते रहते हैं. कई बार अखिलेश यादव भी कहते हुए पाए गए कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कभी भी योगी आदित्यनाथ को हटा सकते हैं. वहीं कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता केजरीवाल ने भी मुख्यमंत्री योगी को यूपी सीएम के पद से हटाने का दावा किया था, हालांकि केजरीवाल के दावे के विपरीत योगी आदित्यनाथ आज तक मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
जनवरी 2025 में, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने महाकुंभ भगदड़ की घटना के बाद योगी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि योगी इस पद के योग्य नहीं हैं और उनकी नीतियों के कारण लोग मर रहे हैं. यह बयान उस समय खूब वायरल हुआ था, जिसका इस्तेमाल विपक्षी नेताओं ने सीएम योगी के खिलाफ हथियार के रूप में किया था. साथ ही कई बार BJP में अंदरूनी मतभेद की भी खबरें सामने आई. 2024 में यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने योगी सरकार से OBC, SC, और ST उम्मीदवारों की भर्ती डेटा सार्वजनिक करने की मांग की थी. उस समय यह माना गया था कि यह मांग योगी के खिलाफ असंतोष का संकेत थी. इस दौरान भी दावा किया गया था कि मौर्या और कुछ अन्य BJP नेता योगी को हटाने की कोशिश कर रहे हैं.
कई बार ऐसे भी दावे किए गए कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और BJP का केंद्रीय नेतृत्व योगी को हटाना चाहता है, क्योंकि उनका बढ़ता कद नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि यह दावा अभी तक असत्यापित है. साथ ही BJP की सहयोगी अनुप्रिया पटेल (अपना दल) ने एक समय योगी सरकार पर OBC और दलित उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया में अयोग्य ठहराने का आरोप लगाया था. उन्होंने एक पत्र में कहा था कि योगी सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है. यह आलोचना योगी के नेतृत्व पर दबाव बढ़ाने का एक कारण बनी थी.
वहीं, योगी आदित्यनाथ ने इन सभी आरोपों और अफवाहों को खारिज करते रहे हैं. योगी आदित्यनाथ कहते हैं, ''BJP की विचारधारा समावेशी है और ''सबका साथ, सबका विश्वास'' पर आधारित है.'' अर्थात सीएम योगी और भाजपा शीर्ष नेतृत्व के बयान से योगी आदित्यनाथ को हटाने की चर्चाएं ज्यादातर अटकलों और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा प्रतीत होती हैं. विपक्षी दल के नेता उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए रहते हैं, लेकिन BJP का केंद्रीय नेतृत्व अभी तक योगी के पक्ष में दिखता है. उनकी लोकप्रियता और उत्तर प्रदेश में BJP की मजबूत स्थिति को देखते हुए उनके हटाए जाने की संभावना कम लगती है. हालांकि 2027 के विधानसभा चुनाव परिणाम इस मामले में निर्णायक हो सकता है.