Akhilesh Yadav Azam Khan: कभी जिसका हाथ पकड़कर अखिलेश यादव ने सियासत का ककहरा सीखा आज उसकी पार्टी में कोई सियासी हैसियत नहीं बची है. दो तस्वीरों में देखिए...

दिल्ली में अखिलेश यादव को नए दोस्त राहुल मिले तो वो समाजवादी पार्टी के संस्थापकों को भूल चुके हैं.

कहा जाता है जो कर्म करेगा, पुण्य-पाप का भागीदार वही होगा! सपा के लिए योगी आदित्यनाथ से आजम ने दुश्मनी, लेकिन आज सपा दिल्ली और लखनऊ की कुर्सी पर बैठने का सपना देख रही है. जबकि आजम का परिवार भटक रहा है. ये 18 अगस्त की तस्वीरें है जब आजम की पत्नी तंजीम फातिमा और उनका बड़ा उनसे मिलने पहुंचा.

कभी रामपुर के नवाब की कुर्सी पर बैठा ये परिवार, आज आम इंसान की तरह कानून के धक्के खा रहा है. तंजीम फातिमा ने पहले ही कह दिया था कि समाजवादी पार्टी से कोई उम्मीद नहीं है. 14 अगस्त को विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने योगी से निवेदन किया था. आप आजम को छोड़ दीजिए, लेकिन महाराज आप नाराज हो जाते है.

वक्त बड़ा बलवान होता है! कभी विदेशी बग्घी पर बैठने वाले आजम अपने परिवार की ये तस्वीर देखकर समझ जाएंगे. जिस सपा के लिए वो लड़े, जिस सपा को मुस्लिम वोट दिलाने के लिए वो योगी के विरोधी बने आज उनकी ही अपनी सपा उन्हें बेगाना बना चुकी है.
