'मौत के मुंह' में फंसे PM मोदी को मणिपुर में SPG ने कैसे बाहर निकाला? चौंकाने वाली तस्वीर आई सामने

Abhishek Chaturvedi 13 Sep 2025 07:57: PM 3 Mins
'मौत के मुंह' में फंसे PM मोदी को मणिपुर में SPG ने कैसे बाहर निकाला? चौंकाने वाली तस्वीर आई सामने

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचते हैं तो पायलट साफ कहता है सर उड़ान भरना संभव नहीं है, जबरदस्ती उड़ान भरने का मतलब खतरा बड़ा हो सकता है. एसपीजी कमांडो भी अपने वीवीआईपी को किसी भी हाल में खतरे में नहीं डालना चाहते, इसलिए एसपीजी अपना ब्लू बुक निकालती है, जिसमें रूट मैप के साथ-साथ इमरजेंसी एग्जिट का प्लान भी लिखा होता है, लेकिन यहां पीएम मोदी एग्जिट को तैयार नहीं थे, वो सिर्फ दो सवाल पूछ रहे थे... पहला, चुराचांदपुर जाने में कितना वक्त लगेगा, और दूसरा, बिना वहां के लोगों से मिले लौटने का कोई प्लान नहीं बनेगा. अब यहां आप एसपीजी का दिमाग देखिए.

  • SPG को ये बात पता थी कि जिस रास्ते से मोदी जाना चाहते हैं, उसी रास्ते पर कल तोड़फोड़ हुई है
  • एयरपोर्ट वाले एरिये में मैतई समुदाय के लोग ज्यादा हैं, जबकि वहां कुकी समुदाय के लोग ज्यादा हैं
  • कहीं-कहीं सड़कें संकरीं और घुमावदार हैं, लैंडस्लाइड का खतरा भी बीच-बीच में पहाड़ों में बना हुआ है

ये भी ख़बर मिलती है इंफाल के कांगला किले के कुछ हिस्सों में घुटनों तक पानी भर गया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा के दौरान विस्थापित लोगों से मिलने वाले हैं. इसीलिए एसपीजी के जवान वहां से सीधा स्थानीय पुलिस के साथ-साथ 60-70 किलोमीटर के इलाके का पूरा मौसम अपडेट भी लेते हैं, ताकि किसी भी संभावित खतरे से आसानी से निपटा जा सके. जिस एयरपोर्ट पर मोदी थे वहां से करीब 60-70 किलोमीटर दूर बने रैली स्थल में पड़ने वाले हर नाकेबंदी और पुलिस थाने को अलर्ट किया जाता है. वहां के आईपीएस ऑफिसर खुद मोर्चा संभालते हैं, और कुछ ही मिनट के भीतर, कई ब्लैक शीशे वाली गाड़ियां वहां खड़ी होती हैं, पीएम मोदी को जो गाड़ी दी जाती है, उसकी डमी गाड़ियां भी तैयार हो जाती हैं, मोदी का काफिला एयरपोर्ट से निकल पड़ता है, लेकिन बीच रास्ते इतनी भयंकर बारिश होती है कि ज्यादा दूर तक कुछ भी देखना संभव नहीं था, फिर भी तकनीक से लैस एसपीजी के जवान हर पल, हर कदम की ख़बर ले रहे थे, और सबने राहत की सांस तब ली जब पीएम मोदी चुराचांदपुर पहुंचे, वहां लोगों से मुलाकात की. जहां पीएम मोदी को देखते ही एक बच्ची रोने लगी, ये वो तस्वीर थी जिसने मोदी को भी भावुक कर दिया, वहां की महिलाएं, वहां के पुरुष, वहां के बच्चे, और वहां के बुजुर्ग सभी मोदी से मिलकर अपना दुख सुनाना चाहते थे, जिसे मोदी ने सुना भी.

हालांकि फिर भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मोदी को इसके लिए राजधर्म की याद दिलाते हैं, वो ट्वीट कर लिखते हैं, '' मणिपुर में आपका तीन घंटे का पड़ाव करुणा नहीं है। यह एक दिखावा और घायल लोगों का घोर अपमान है। आज इंफाल और चुराचांदपुर में आपका तथाकथित रोड शो, राहत शिविरों में लोगों की चीखें सुनने से बचने का एक कायराना प्रयास है. आपका राजधर्म कहां है?''

हालांकि कांग्रेस को ये भी बताना चाहिए कि जब उसने दशकों तक नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को विकास से दूर रखा, एक ट्रेन तक मिजोरम से दिल्ली नहीं चलाई, तब उसका राजधर्म कहां था, ये सवाल सियासत के नहीं बल्कि आम जनता के विकास से जुड़े हैं, यही वजह है कि मोदी पायलट के मना करने के बाद भी मणिपुर सड़क मार्ग से जाते हैं, और कहते हैं अच्छा हुआ मेरा हेलीकॉप्टर उड़ नहीं पाया, वरना रास्तेभर लोगों को ये प्यार नहीं देख पाता. जो मणिपुर कुछ वक्त तक पहले तक अशांत था, जहां दो समुदाय की लड़ाई ने राज्य को हिंसा में झोंक दिया, उन दोनों समुदायों के लोगों से मुलाकात कर मोदी ने शांति की अपील की है, और इन सबके बीच एसपीजी कमांडो ने जिस तरीके से आपात स्थिति में पीएम मोदी की सुरक्षा व्यवस्था संभाली, रूट मैप बदला, वो काबिले तारीफ है.

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