अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में आस्था के केंद्र के बीच एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश होने से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, पुलिस ने फतेहगंज क्षेत्र के खीर गली में स्थित रानी सती गेस्ट हाउस पर देर रात छापा मारा था, जहां से 11 युवतियों समेत कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद गेस्ट हाउस को तत्काल सील कर दिया गया था. इधर खबर है कि योगी आदित्यनाथ सरकार की 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की तैयारी चल रही है.
स्थानीय स्तर पर यह खबर फैलते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस छिड़ गई है. पुलिस के मुताबिक, यह रैकेट लंबे समय से फल-फूल रहा था और कोतवाली पुलिस चौकी से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित इस चार मंजिला गेस्ट हाउस के चौथे तल पर मुख्य कारोबार संचालित हो रहा था. छापेमारी में संचालक गणेश अग्रवाल और उसके दो सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया है. दावा किया जा रहा है कि आरोपियों के राजनीतिक पहुंच है.
पुलिस दावा कर रही है कि गिरफ्तार युवतियां मुख्य रूप से बिहार और गोरखपुर से लाई गई थीं, जिन्हें जबरन इस धंधे में धकेल दिया गया था. सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह ने कहा था कि यह एक संगठित रैकेट था, जहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को फंसाने का जाल बिछाया गया था. सभी आरोपी पीओएससीओ एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच के दायरे में है.
अयोध्या के इस संवेदनशील इलाके में ऐसी घटना का खुलासा न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि सरकार की 'माफिया-रोधी' छवि को भी ठेस पहुंचा रहा है. सूत्र बताते हैं कि गेस्ट हाउस अवैध निर्माण पर आधारित होने के कारण जिला प्रशासन बुलडोजर एक्शन की योजना बना रहा है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पहले भी अपराधियों के अड्डों पर सख्त कार्रवाई की है, जैसे संभल में हाल के होटल मामलों में.
हालांकि, आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन इसकी तैयारी से इलाके में हलचल मच गई है. वहीं, विपक्षी दलों ने इसे 'प्रशासनिक लापरवाही' बताते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गेस्ट हाउस लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियों का केंद्र था. एक बुजुर्ग तीर्थयात्री ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि राम की नगरी में ऐसी विकृति स्वीकार नहीं. सरकार की सख्ती जरूरी है, लेकिन पर्यटकों की सुरक्षा पर भी ध्यान दें.
एसएसपी अयोध्या ने कहा कि रैकेट के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश जारी है और इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है. यह घटना अयोध्या के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के बीच एक काला धब्बा साबित हो रही है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद लाखों श्रद्धालु यहां आ रहे हैं, ऐसे में अपराध नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता बनी हुई है. आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं.