नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री अमीषा पटेल, जो पिछले 25 साल से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं, अपनी फिल्मों जैसे 'कहो ना... प्यार है' और 'गदर' के लिए जानी जाती हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने करीबी दोस्त और अभिनेता संजय दत्त और उनकी पत्नी मान्यता दत्त के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात की. अमीषा ने बताया कि संजय दत्त उनके लिए बहुत सुरक्षात्मक और पजेसिव हैं. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जब मान्यता अपने जुड़वां बच्चों के साथ गर्भवती थीं, तब अमीषा ने उनके लिए एक शानदार बेबी शावर पार्टी आयोजित की थी.
अमीषा ने 'फिल्मीमंत्र' को दिए इंटरव्यू में बताया, "जब मान्यता जुड़वां बच्चों के साथ गर्भवती थीं, तब मैंने संजय के लिए एक बेबी शावर पार्टी रखी थी. उस समय हमें नहीं पता था कि एक लड़का और एक लड़की होने वाली है. यह पार्टी बहुत खूबसूरत थी. संजय की दोनों बहनें भी इस मौके पर आई थीं." इस पार्टी में इंडस्ट्री के कई लोग शामिल हुए थे, और यह एक यादगार पल था.
अमीषा ने एक और दिलचस्प बात साझा की. उन्होंने बताया कि जब संजय और मान्यता के बच्चे, शहरान और इकरा, पैदा हुए, तो दत्त परिवार ने सभी को एक खास तोहफा दिया. अमीषा ने कहा, "जब शहरान और इकरा का जन्म हुआ, तो यह बहुत खूबसूरत था. मान्यता मुस्लिम हैं और संजय हिंदू हैं, हालांकि उनकी मां नरगिस मुस्लिम थीं. बच्चों के जन्म के बाद उन्होंने हमें जो तोहफा भेजा, वह था गीता और कुरान की एक-एक प्रति." यह तोहफा दोनों धर्मों के प्रति उनके सम्मान और एकता को दर्शाता है.
यहां यह बात भी ध्यान देने लायक है कि संजय दत्त के माता-पिता का विवाह भी अंतरधार्मिक था. उनकी मां नरगिस मुस्लिम थीं, जबकि उनके पिता सुनील दत्त हिंदू थे. हाल ही में संजय की बहन प्रिया दत्त ने एक इंटरव्यू में बताया कि नरगिस ने अपनी मृत्यु से पहले यह इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाए. प्रिया ने कहा कि उनके पिता सुनील दत्त ने उनकी इस इच्छा का सम्मान किया, भले ही कुछ लोगों ने इसके खिलाफ सलाह दी थी.
यह कहानी न केवल अमीषा और संजय दत्त की दोस्ती को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि दत्त परिवार विभिन्न धर्मों के प्रति कितना सम्मान रखता है. संजय और मान्यता का यह कदम, कि उन्होंने अपने बच्चों के जन्म पर गीता और कुरान भेंट की, एकता और समन्वय का प्रतीक है.