पटना: राज्य में सिम बॉक्स से जुड़ा एक और साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. इस बार भोजपुर जिले के नारायणपुर गांव में छापेमारी करके 4 सिम बॉक्स उपकरण बरामद किए गए हैं. साथ ही इस मामले में एक आरोपी मुकेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के स्तर से डीएसपी पंकज कुमार के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन कर छापेमारी की कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई बुधवार की देर शाम को की गई है. गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद शुक्रवार को भी कई स्थानों पर निरंतर छापेमारी की गई. इस मामले में जुड़े कई अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है.
गौरतलब है कि इससे पहले मोतिहारी से तीन सिम बॉक्स उपकरण के साथ शातिर साइबर फ्रॉड हर्षित को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की सघन तफ्तीश में भोजपुर से जुड़ा लिंक मिला था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. भोजपुर से गिरफ्तार मुकेश कुमार से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि सिम बॉक्स के माध्यम से एक समानांतर एक्सचेंज का संचालन किया जा रहा था. इसमें अंतरराष्ट्रीय साइबर स्कैम के अड्डों से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल को लोकस कॉल में परिवर्तित करके स्थानीय स्तर पर ठगी की जुगत की जाती थी. साइबर ठगों के इस गैंग से स्थानीय स्तर पर कई लोगों से निरंतर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया गया था. जिन देशों से कॉल आती थी, उसमें कंबोडिया, थाईलैंड समेत अन्य शामिल हैं. जांच में यह भी पता चला कि रोजाना हजारों की संख्या में फर्जी कॉल किए जा रहे थे, जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था. इससे केंद्रीय दूर संचार मंत्रालय को भी राजस्व का काफी नुकसान हुआ था.
अब तक पूरे मामले की तफ्तीश में कॉमन सर्विस सेंटर के संचालकों, सिम डिस्ट्रीब्यूटर्स समेत ऐसे अन्य लोगों की गतिविधि संदिग्ध पाई गई है. जांच में कुछ अन्य स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली है, जिसके आधार पर छापेमारी जारी है. इस गिरोह के खुलासे से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड पोर्टल पर देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज कई मामलों में संलिप्तता सामने आई है. जांच पूरी होने के बाद इसमें कई और लोगों या गैंगों की संलिप्तता सामने आने की आशंका जताई जा रही है.
इस बॉयोमेट्रिक डाटा का टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के पंजीकृत डिस्ट्रीब्यूटर एवं रिटेलर्स की मिलीभगत कर आम व्यक्तियों की बॉयोमेट्रिक डेटा का टेलीकॉम सर्सिव प्रोवाइडर की मिली भगत करके इसका बड़ी संख्या में गलत प्रयोग किया जाता था. आम लोगों की आधार संख्या पर गलत तरीके से सिम कार्ड हासिल किए गए थे. इन्हीं सिम कार्ड का उपयोग सिम बॉक्स में धोखाधड़ी के लिए किया जाता था.