शिक्षक ने मिठाई के साथ राजस्थान के मंत्री को दिया 5000 रुपए का लिफाफा, खुद को बताया ABVP का पूर्व कार्यकर्ता, फिर जो हुआ...

Amanat Ansari 10 Jun 2025 10:26: AM 3 Mins
शिक्षक ने मिठाई के साथ राजस्थान के मंत्री को दिया 5000 रुपए का लिफाफा, खुद को बताया ABVP का पूर्व कार्यकर्ता, फिर जो हुआ...

नई दिल्ली: राजस्थान के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक सरकारी स्कूल शिक्षक पर आरोप लगाया है कि उसने पाठ्यक्रम लेखन समिति में स्थान पाने के लिए उनसे रिश्वत देने की कोशिश की. यह घटना सोमवार सुबह जयपुर में मंत्री के सरकारी आवास पर जनसुनवाई के दौरान हुई. इस मामले ने न केवल शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की नीति को भी सामने लाया है. मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि वह उस दिन सुबह रामगढ़ जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी बांसवाड़ा जिले के एक सरकारी स्कूल में तृतीय श्रेणी (लेवल-2) विज्ञान शिक्षक के रूप में कार्यरत चंद्रकांत वैष्णव उनसे मिलने पहुंचे. चंद्रकांत ने मंत्री को एक मिठाई का डिब्बा, कुछ दस्तावेज और एक बंद लिफाफा सौंपा.

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दिलावर ने शुरू में लिफाफे को एक सामान्य सिफारिशी पत्र समझकर स्वीकार कर लिया, जैसा कि जनसुनवाई में आमतौर पर होता है. लेकिन उनके स्टाफ में से एक, भरत नामक फोटोग्राफर, ने संदेह जताया कि लिफाफे में पैसे हो सकते हैं. जब लिफाफा खोला गया, तो उसमें 5000 रुपये नकद मिले. मदन दिलावर ने तुरंत इस अनुचित कृत्य को खारिज कर दिया और लिफाफे को पुलिस को सौंप दिया. उन्होंने इस घटना को भ्रष्टाचार का स्पष्ट प्रयास बताते हुए संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.

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उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "आज जनसुनवाई के दौरान एक शिक्षक द्वारा निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतु मिठाई के डिब्बे के साथ 5000 रुपये की राशि युक्त लिफाफा सौंपने का प्रयास किया गया, जो स्पष्टतः रिश्वत देने का कुत्सित प्रयास था. मैंने इस अनुचित कृत्य को उसी क्षण अस्वीकार करते हुए लिफाफा तत्काल पुलिस को सौंप दिया." उन्होंने आगे कहा, "भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति सुशासन का आधार है."

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चंद्रकांत वैष्णव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. वह बांसवाड़ा जिले के घाटोल ब्लॉक में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बुधा में तैनात हैं. चंद्रकांत ने अपने आवेदन में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (RSCERT), उदयपुर की पाठ्यक्रम लेखन समिति में शामिल होने की इच्छा जताई थी. इसके लिए उन्होंने जयपुर की यात्रा की थी. एक समाचार एजेंसी के अनुसार, चंद्रकांत ने अपने आवेदन में यह भी उल्लेख किया था कि वह छात्र जीवन से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और संघ परिवार से जुड़े रहे हैं. हालांकि, दिलावर, जो स्वयं ABVP के पूर्व कार्यकर्ता हैं, ने इस दावे को "हास्यास्पद" करार देते हुए कहा कि सच्चे ABVP या RSS कार्यकर्ता कभी भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होंगे.

मदन दिलावर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके 35-36 साल के राजनीतिक करियर में यह पहली बार है जब किसी ने उनसे रिश्वत देने की कोशिश की. उन्होंने इसे "बेहद दुखद और शर्मनाक" बताया और कहा कि शायद यह शिक्षक पिछली कांग्रेस सरकार के समय की परंपरा से प्रभावित था, जब इस तरह की प्रथाएं आम हो सकती थीं. उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना चाहती है.

चंद्रकांत वैष्णव को निलंबित कर दिया गया है और जयपुर पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है. यह घटना राजस्थान में शिक्षा विभाग और प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठाती है. साथ ही, यह भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर रुख अपनाने की बीजेपी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस घटना ने सोशल मीडिया और जनता के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग भ्रष्टाचार के इस प्रयास की निंदा कर रहे हैं.

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