झालावाड़ हादसे के बाद जैसलमेर के सरकारी स्कूल का गेट गिरा, 6 साल के बच्चे की गई जान

Amanat Ansari 28 Jul 2025 07:03: PM 2 Mins
झालावाड़ हादसे के बाद जैसलमेर के सरकारी स्कूल का गेट गिरा, 6 साल के बच्चे की गई जान

जयपुर: राजस्थान के जैसलमेर जिले में सोमवार को एक सरकारी स्कूल के मुख्य गेट का एक पिलर ढहने से छह वर्षीय छात्र की मौत हो गई और एक शिक्षक घायल हो गया. यह घटना झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल का हिस्सा ढहने से सात बच्चों की मौत के कुछ ही दिन बाद हुई है. अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा रामगढ़ क्षेत्र में स्थित एक सरकारी स्कूल भवन में उस समय हुआ, जब छात्र अपने घरों के लिए निकल रहे थे.

जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने मीडिया को बताया, "इस घटना में एक बच्चे की मौत हो गई है." एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मुख्य गेट का एक पिलर ढह गया, जिसके नीचे दबकर छात्र अरबाज खान की मौके पर ही मौत हो गई. शिक्षक अशोक कुमार सोनी घायल हो गए और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पीड़ित के गुस्साए परिवार वालों ने बच्चे के शव के साथ स्कूल के बाहर धरना शुरू कर दिया.

अधिकारी ने बताया, "परिवार वालों से बातचीत चल रही है." अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में तेज हवाओं के कारण हिस्सा ढहने की बात सामने आई है. इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं में किसी अन्य बच्चे की जान न जाए. उन्होंने कहा, "जैसलमेर में स्कूल के गेट के ढहने से एक मासूम छात्र की मौत बहुत दुखद है."

उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "यह बारिश का मौसम है. मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि तत्काल कदम उठाएं ताकि कोई और मासूम बच्चा अपनी जान न गंवाए. शोकग्रस्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं." यह घटना झालावाड़ जिले के पिपलोदी सरकारी स्कूल का एक हिस्सा ढहने के तीन दिन बाद हुई है, जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई थी और 28 घायल हो गए थे.

राज्य सरकार ने रविवार को कई तत्काल उपायों की घोषणा की थी, जिसमें असुरक्षित स्कूल भवनों को बंद करना और तोड़ना, सभी कमजोर संरचनाओं का जीआईएस-मैपिंग, और संरचनात्मक सुरक्षा की निगरानी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग शामिल है. स्कूल शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की थी.

बैठक के बाद उन्होंने बताया कि 170 तहसीलों में 7500 स्कूलों की मरम्मत के लिए आपदा प्रबंधन कोष के तहत 150 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है. यह कदम दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में मानसून के मौसम में स्कूल बुनियादी ढांचे की कमजोरी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया है. दिलावर ने कहा कि जिला कलेक्टरों द्वारा राज्यव्यापी सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि जर्जर स्कूल भवनों की पहचान की जा सके.

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