नई दिल्ली: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए एक भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघनी नगर के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी शामिल थे. इस त्रासदी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा दुख व्यक्त किया है.
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, "अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा अत्यंत दुःखद और हृदयविदारक है. एयर इंडिया के विमान हादसे की इस खबर से मैं अत्यंत मर्माहत हूं. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं." उनकी इस पोस्ट ने हादसे की गंभीरता और प्रभावित परिवारों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाया.
अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा अत्यंत दुःखद और हृदयविदारक है। एयर इंडिया के विमान हादसे की इस खबर से मैं अत्यंत मर्माहत हूँ। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) June 12, 2025
बता दें कि हादसे में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान शामिल था, जो दोपहर 1:39 बजे टेकऑफ के बाद केवल 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा था. फ्लाइटराडार24 के अनुसार, विमान ने टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही मेडे कॉल जारी किया और इसके बाद हवाई यातायात नियंत्रण से संपर्क टूट गया. विमान मेघनी नगर के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पांच मेडिकल छात्रों की भी मौत हो गई और लगभग 50 लोग घायल हो गए.
हादसे में केवल एक यात्री, 38 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय विशवासकुमार रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे, चमत्कारिक रूप से बच गए. रमेश ने बताया कि वह अपने परिवार से मिलने अहमदाबाद आए थे और हादसे के बाद वह किसी तरह विमान से बाहर निकलकर भागे. हालांकि, उनके भाई, जो उसी विमान में थे, इस हादसे में जीवित नहीं बचे.
इस हादसे ने न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शोक की लहर दौड़ा दी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विमान के ईंधन टैंक में आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि यात्रियों को बचाने का कोई मौका नहीं था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को तत्काल राहत कार्यों के लिए निर्देश दिए. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी आपातकालीन बचाव और राहत कार्यों को युद्ध स्तर पर शुरू करने के आदेश दिए.
विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली, और एक कनाडाई नागरिक सवार थे. इस हादसे में मारे गए लोगों में एयर इंडिया की केबिन क्रू सदस्य और ट्रैवल इन्फ्लुएंसर रोशनी राजेंद्र सोंगारे भी शामिल थीं, जिनकी मौत की पुष्टि महाराष्ट्र के विधायक रविंद्र चव्हाण ने की.
नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने घोषणा की कि हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने औपचारिक जांच शुरू कर दी है, और विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की गई है. यूके की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) ने भी भारत को सहायता की पेशकश की है.
यह हादसा भारत में 1996 के बाद सबसे घातक विमान दुर्घटना माना जा रहा है. अहमदाबाद हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं. नीतीश कुमार की संवेदना और इस त्रासदी पर उनकी प्रतिक्रिया ने एक बार फिर इस बात को रेखांकित किया कि यह कठिन समय में पूरा देश प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है.