• नालंदा में सबसे अधिक 370 किमी से अधिक बनीं सड़कें
• गया दूसरे और पटना तीसरे स्थान पर
• गोपालगंज, किशनगंज और नवादा में लगभग काम पूरा
पटना: नाबार्ड की सहायता से राज्य की ग्रामीण सड़कों का बड़ी संख्या में निर्माण कराया जा रहा है. इस योजना के तहत विभिन्न जिलों में स्वीकृत सड़कों के निर्माण की जिलावार प्रगति रिपोर्ट जारी की गई है. इसके मुताबिक 2023 सड़कों के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से अब तक 1853 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. इन सड़कों की लंबाई 4 हजार 820 किमी से अधिक है.
नालंदा समेत इन जिलों का प्रदर्शन शानदार
ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक नालंदा जिला इस योजना के तहत सबसे आगे है, जहां 214 सड़कों की स्वीकृति में से 199 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है. नालंदा में 370 किलोमीटर से अधिक का निर्माण हो चुका है. वहीं, गया में 129 सड़कों की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 120 सड़कों का निर्माण हो चुका है और कुल 365.78 किलोमीटर लंबाई की सड़कें बन चुकी हैं. वहीं, पटना जिले में 166 सड़कों की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 156 सड़कों का निर्माण हुआ है. यहां 328 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण हुआ है. वहीं, औरंगाबाद में 244.86 किलोमीटर, दरभंगा में 235.39 किमी, पूर्वी चंपारण में 230.77 किमी, मुंगेर में 202.75 किमी, रोहतास में 176.46 किमी, जहानाबाद में 169.61 किमी, सीतामढ़ी में 151.35 किमी, मुजफ्फरपुर में 139.68 किमी सड़कों का निर्माण हो चुका है. वहीं, गोपालगंज, किशनगंज और नवादा में लगभग काम पूर्ण हो चुका है.
शीर्ष 10 जिले (निर्मित सड़कों की लंबाई के अनुसार):
1. नालंदा : 370.71 किमी
2. गया : 365.78 किमी
3. पटना : 328.21 किमी
4. औरंगाबाद : 244.86 किमी
5. दरभंगा : 235.39 किमी
6. पूर्वी चंपारण : 230.77 किमी
7. मुंगेर : 202.75 किमी
8. रोहतास : 176.46 किमी
9. जहानाबाद : 169.61 किमी
10. सीतामढ़ी : 151.35 किमी
राज्य के विकास में प्रेरणादायक कदम : मंत्री
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्री अशोक चौधरी ने कहा कि नाबार्ड सहायता प्राप्त राज्य योजना के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण में बिहार ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह राज्य के निरंतर विकास और मजबूत बुनियादी ढांचे की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है. स्वीकृत 2023 परियोजनाओं में से 1853 सड़कों का समयबद्ध और सफल निर्माण इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार की नीतियां जमीनी स्तर पर प्रभावशाली तरीके से लागू हो रही हैं.