नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को चैतन्यनंद सरस्वती से श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में यौन उत्पीड़न के आरोपों के सिलसिले में पूछताछ की. पाटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था. जांच में पता चला कि उसके पास कई नकली विजिटिंग कार्ड और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस थे, जिनमें वह खुद को संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स में बड़े पदों का दावा करता था.
पुलिस ने सोमवार सुबह चैतन्यनंद को इंस्टीट्यूट ले जाकर पूछताछ की. वहां उस कमरे में ले गए जहां उसने कथित तौर पर लड़कियों को बुलाया था, और कैमरों तक उसकी पहुंच के बारे में सवाल किए. पुलिस स्टेशन लौटने के बाद सीनियर अफसरों ने पूछताछ जारी रखी. उसके वकील मनीष गांधी ने कहा कि इसके पीछे बड़ी साजिश है, जिसमें बड़े लोग शामिल हैं. वकील ने कहा कि पुलिस ने पांच दिनों की रिमांड मांगी थी. हमने भी कुछ आवेदन दिए, जो जज ने मंजूर कर लिए. उनमें हमें रोजाना मुलाकात की इजाजत मिली, जबकि पुलिस को पांच दिन तक हिरासत में रखने की अनुमति दी गई.
उन्होंने कहा कि इसके पीछे बड़ी साजिश है. असली मुद्दा कुछ और है. इसमें कुछ बहुत बड़े लोग शामिल हैं, जिनके नाम जल्द बताएंगे. पुलिस ने चैतन्यनंद के पास से तीन फोन, एक आईपैड और नकली विजिटिंग कार्ड बरामद किए. कार्डों में वह खुद को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी राजदूत, ब्रिक्स जॉइंट कमीशन का सदस्य और भारत का स्पेशल एनवॉय बताता था. चैतन्यनंद उर्फ पार्थ सारथी पर इंस्टीट्यूट में लड़कियों से यौन उत्पीड़न का आरोप है.
यह इंस्टीट्यूट इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन स्कॉलरशिप के तहत पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट कोर्स चलाता है. यह श्री शारदा पीठम, सृंगेरी से जुड़ा है. दिल्ली पुलिस ने 23 सितंबर को वसंत कुंज नॉर्थ थाने में शिकायत पर केस दर्ज किया. एफआईआर के मुताबिक, चैतन्यनंद ने कई बार यौन उत्पीड़न और गलत व्यवहार किया. शिकायत में कहा गया कि श्री शारदा पीठम, सृंगेरी ने 2008 में जारी उसके पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द कर दिया था.