2005 से अबतक कितना बदला बिहार? CM नीतीश कुमार ने एक-एक उपलब्धि को खोलकर रख दिया

Amanat Ansari 29 Oct 2025 11:44: PM 3 Mins
2005 से अबतक कितना बदला बिहार? CM नीतीश कुमार ने एक-एक उपलब्धि को खोलकर रख दिया

नई दिल्ली: वर्ष 2005 से पहले बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ गया था. विकास के कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गए थे. आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए कोई काम नहीं होता था. नये भवनों का निर्माण तो दूर की बात थी, पहले से बने भवनों का रखरखाव और जीर्णोद्धार तक नहीं हो पाता था. उबड़-खाबड़ और टूटी-फूटी सड़कें बिहार के पिछड़ापन की पहचान बन गयी थीं. इतनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत वाला राज्य पूरी दुनिया में उपहास का पात्र बन गया था. राज्य के बाहर लोग अपनी पहचान छिपाते थे, क्योंकि उस वक्त बिहारी कहलाना अपमान का विषय हो गया था. देश के अन्य राज्यों के लोग बिहार को हेय दृष्टि से देखते थे.

वर्ष 2005 में राज्य में नयी सरकार के गठन के बाद आधारभूत संरचनाओं के विकास के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व कार्य किये गये. राज्य में नये भवनों के निर्माण के साथ-साथ ऐतिहासिक भवनों और पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर दिया गया. राज्य में कई विश्वस्तरीय आधुनिक आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराया गया, जिसकी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी हुई. इन परियोजनाओं के निर्माण से राज्य के लोगों को काफी फायदा हुआ है तथा राज्य की छवि बेहतर हुई है.

बीते 20 वर्षों में राज्य में कई विश्वस्तरीय पथों का निर्माण कराया गया, जबकि कई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जारी है. इसमें जेपी गंगा पथ, अटल पथ, पाटलि पथ, बिहटा-सरमेरा पथ, मीठापुर-महुली पथ, लोहिया पथ चक्र, बख्तियारपुर-रजौली पथ, पटना-गया-डोभी पटना-मुजफ्फरपुर फोर लेन, पटना-बख्तियारपुर-मोकामा पथ तथा ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर प्रमुख हैं. वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे, आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का कार्य निर्माणाधीन है, जिसे तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है.

इन एक्सप्रेस-वे और हाई स्पीड कॉरिडोर के बनने से राज्य में न सिर्फ आवागमन बेहद सुगम हो गया है बल्कि राज्य में आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आयी है. राज्य का तीव्र गति से विकास हो रहा है और लोगों की आमदनी बढ़ रही है.

इसके साथ ही हमारी सरकार ने राज्य में कई ऐतिहासिक भवनों का भी निर्माण कराया है. इनमें पटना का सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन, बापू सभागार तथा सभ्यता द्वार, बिहार संग्रहालय, अंजुमन इस्लामिया भवन, बापू टावर, सरदार पटेल भवन, बापू परीक्षा परिसर, हज भवन, पटना समाहरणालय, पटना सिटी का प्रकाश पुंज, ओपी शाह सामुदायिक भवन, गया का राज्य अतिथिगृह, महाबोधि कन्वेंशन केंद्र तथा बिपार्ड भवन, दरभंगा में तारामंडल, पश्चिम चंपारण में वाल्मीकि सभागार और दिल्ली में नया बिहार सदन प्रमुख है. ये सभी अत्याधुनिक भवन सिर्फ नई संरचनायें ही नहीं हैं बल्कि बदलते बिहार की पहचान हैं.

इसी तरह से पर्यटन और ईको टूरिज्म के क्षेत्र में भी हमारी सरकार लगातार शानदार कार्य कर रही है. इसमें मुख्य रूप से राजगीर में घोड़ा-कटोरा का विकास, जू-सफारी का निर्माण, राजगीर नेचर सफारी (ग्लास स्काई वॉक) का निर्माण, वेणुवन एवं पांडु पोखर का सौंदर्गीकरण, नवादा के ककोलत जल प्रपात में पर्यटकीय सुविधाओं का विकास, राजगीर एवं मंदार में नये रोप-वे का निर्माण, पटना में बुद्ध स्मृति पार्क का निर्माण, मधुबनी में मिथिला हाट का निर्माण शामिल है. इन कार्यों ने बिहार पर्यटन को आज विश्व मानचित्र पर लाकर रख दिया है.

पटना के कंकड़बाग में पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, राजगीर खेल अकादमी एवं खेल विश्वविद्यालय, पटना मेट्रो परियोजना, पटना में विश्वस्तरीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण, वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का निर्माण तथा गया में विष्णुपद मंदिर के पास रबर डैम का निर्माण कराया गया है. जबकि पटना में बिहार संग्रहालय एवं पटना संग्रहालय को भूमिगत टनल से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है.

पिछले दो दशकों में बिहार राज्य में हवाई सेवाओं की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुयी है. राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुये हवाई यातायात का विस्तार किया गया है. पटना में अत्याधुनिक नया एयरपोर्ट टर्मिनल बनाया गया है. साथ ही दरभंगा एवं पूर्णिया में हवाई अड्डे भी संचालित हो चुके हैं. इसके साथ-साथ बिहटा, रक्सौल तथा वीरपुर हवाई अड्डों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है एवं वाल्मीकिनगर, मधुबनी, मुंगेर, सहरसा तथा मुजफ्फरपुर हवाई अड्डों को विकसित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है.

राज्य में आधारभूत संरचनाओं की मजबूती के लिए हमारी सरकार बजट का भी पूरा इंतजाम कर रही है. आप सबको पता है वर्ष 2004-05 में राज्य का बजट लगभग 24 हजार करोड़ रुपये था. आज बिहार का बजट 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये भी अधिक हो गया है. हमलोग कुशल वित्तीय प्रबंधन करते हुए बढ़े हुए बजट का उपयोग राज्य के सर्वांगीण विकास में कर रहे हैं. हमलोगों ने जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिएगा. आगे भी हमलोग ही काम करेंगे. हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं.

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