नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए दिल्ली, रांची सहित अन्य जगहों से एक दर्जन से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने इनमें से 5 को आतंकी मानते हुए गिरफ्तार किया है, बाकी से पूछताछ की जा रही है. मीडिया रिपोर्टों से जानकारी मिली है कि 2 आरोपी को दिल्ली से, एक को मध्य प्रदेश से, एक को हैदराबद से और एक रांची से पकड़ गया है. ये सभी त्योहार का फायदा उठाकर देशभर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले थे. पुलिस ने इन आरोपियों के पास से आईईडी बनाने के उपकरण भी जब्त किए हैं.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार और बुधवार को भिविभन्न राज्यों में समन्वित छापेमारी कर इस 'आईएस-प्रेरित' मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. दिल्ली से गिरफ्तार संदिग्धों को लेकर एक सूत्र ने बताया कि वे मुंबई से दिल्ली आए थे. इनकी पहचान अबू बकर उर्फ सूफियान और आफताब के रूप में हुई है. तीसरे संदिग्ध दानिश को रांची से पकड़ा गया. पूरी घटना के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.
IED बनाने के कई सामान बरामद
छापेमारी के दौरान पुलिस ने हाइड्रोक्लोरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट और सल्फर पाउडर सहित कई चीज़ें ज़ब्त कीं, जिनका इस्तेमाल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने में होता है. हालांकि पुलिस ने चल रहे अभियानों का हवाला देते हुए आधाकारिक रूप से कुछ भी कहने से परहेज किया है. दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद कुशवाहा ने कहा कि वर्तमान में एक आतंकवाद-रोधी अभियान चल रहा है और इस समय विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता.
लॉज में छुपकर रह रहा था दानिश
रांची में गिरफ्तार संदिग्ध दानिश पिछले 18 महीनों से एक लॉज में रह रहा था. आरोपी बोकारो जिले का रहने वाला है और खुद को अंग्रेजी में स्नातक बताता है. पुलिस ने झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ते के साथ मिलकर पलामू में भी छापेमारी की. पुलिस ने कहा कि जांच से पता चला है कि संदिग्ध एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप सिग्नल और टेलीग्राम के ज़रिए एक-दूसरे और अपने हैंडलर के संपर्क में थे.
पुलिस जांच में बड़ा हुआ खुलासा
जांच से पता चलता है कि एक आईएसआई ऑपरेटिव आईएस रिक्रूटर के रूप में काम कर रहा था. हिरासत में लिए गए संदिग्धों से विभिन्न एजेंसियां संयुक्त पूछताछ कर रही हैं, जो साजिश की व्यापकता और अन्य संदिग्धों की संलिप्तता का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं. पुलिस ने बरामद डिजिटल उपकरण को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं. पूछताछ में संदिग्धों ने खुलासा किया कि उनका हैंडलर उन्हें ऑनलाइन आईईडी असेंबल करना सिखा रहा था और उन्हें बम बनाने के लिए रसायनों सहित कई तरह की चीजें खरीदने का निर्देश दिया था. इनका मकसद देशभर में हमला करने का था.