CM नीतीश के नेतृत्व में केंद्र के सहयोग से बिहार बना विकास का नया केंद्र, ऊर्जा, दूरसंचार और पर्यटन को लगे पंख

Global Bharat 15 Jun 2025 11:03: PM 2 Mins
CM नीतीश के नेतृत्व में केंद्र के सहयोग से बिहार बना विकास का नया केंद्र, ऊर्जा, दूरसंचार और पर्यटन को लगे पंख

• बिहार की ऊर्जा, दूरसंचार और पर्यटन के क्षेत्र में नई उड़ान 

• केन्द्र सरकार की योजनाओं से गढ़ी विकास की नई तस्वीर

• ऊर्जा मंत्रालय के तहत दो प्रमुख योजनाएं पूरी 

पटना: बिहार में केन्द्र सरकार के सहयोग से ऊर्जा, दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन के क्षेत्र में विकास की एक नई लकीर खींची जा रही है. बिहार को मिले प्रधानमंत्री पैकेज से कई क्षेत्रों खासकर ऊर्जा, दूरसंचार और पर्यटन में बेहद उल्लेखनीय कार्य हुए हैं. इसने राज्य को एक नई दिशा दी है. 

ऊर्जा मंत्रालय के तहत दो प्रमुख योजनाएं पूरी

ऊर्जा मंत्रालय के तहत राज्य में दो प्रमुख योजनाएं पूरी की गईं हैं. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम विद्युत योजना के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य 5856.35 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ. वहीं, इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत नये 33/11 केवी स्टेशन, ट्रांसफॉर्मर और एचटी तारों की स्थापना पर 255 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके अतिरिक्त बक्सर में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से थर्मल पावर प्रोजेक्ट पर काम जारी है, जो जल्द ही पूरा होने वाला है.  

डिजिटल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में उम्दा काम

वहीं, दूरसंचार विभाग ने बिहार को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है. राज्य में 1000 नई मोबाइल टावर (बीटीएस) लगाए गए हैं, जिसकी लागत 250 करोड़ रुपये है. साथ ही बीएसएनएल ने राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे राजगीर, वैशाली, गया, नालंदा और पटना में 30 वाई-फाई हॉटस्पॉट शुरू किए हैं, जिन पर 15 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

दो नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क का निर्माण

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने डिजिटल बिहार की अवधारणा को साकार करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. दरभंगा और भागलपुर में दो नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और आईटी उद्यमियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए छोटे इलाकों में ग्रामीण बीपीओ सेंटर की स्थापना 25.05 करोड़ रुपये की लागत से की गई. इसके अतिरिक्त मुजफ्फरपुर और बक्सर में दो एनआईईएलआईटी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिन पर क्रमशः 9.18 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

आईआईटी पटना में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक इनक्यूबेटर का उन्नयन 22.10 करोड़ रुपये की लागत से किया गया जबकि पटना में ही इलेक्ट्रॉनिक्स और आईसीटी अकादमी पर 12.06 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इस प्रकार कुल मिलाकर इस क्षेत्र में 52.52 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.

बिहार में पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी काम हुआ है. बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को सशक्त तरीके से पेश किया गया है. स्वदेश दर्शन योजना के तहत चंपापुरी और पावापुरी में जैन सर्किट हाउस, सुल्तानगंज से देवघर तक कांवरिया रूट, वैशाली-बोधगया-विक्रमशिला सहित बौद्ध सर्किट, भितिहरवा से तुरकौलिया तक महात्मा गांधी सर्किट और मदर हिल्स और अंग प्रदेश के विकास कार्यों पर कुल 248 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

वहीं, पीआरएएसएडी योजना के तहत पटना साहिब का सौंदर्यीकरण और आध्यात्मिक विकास कार्य 44.55 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है. इसके साथ ही बोधगया में भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम) का स्थायी परिसर प्रस्तावित है, जिसकी लागत 50 करोड़ रुपये होगी. वर्तमान में यह संस्थान होटल प्रबंधन संस्थान के अस्थायी परिसर से संचालित हो रहा है.

बिहार में इन योजनाओं के क्रियान्वयन से अब यह स्पष्ट है कि राज्य अब सिर्फ कृषि और इतिहास का केंद्र नहीं बल्कि तकनीकी, ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान गढ़ रहा है.

यह भी पढ़ें: Mithapur-Mahuli Elevated Road: पटना को मिलेगी एक और एलिवेटेड सड़क की सौगात, सोमवार को CM नीतीश कुमार करेंगे लोकार्पण

Bihar News Bihar Energy Development Bihar Telecommunication Development Bihar Tourism Development

Description of the author

Recent News