गुरुग्राम: घर बच्चे का सबसे सुरक्षित ठिकाना होता है, लेकिन यहां की दो बहनों के लिए यही जगह दर्द और डर का अंधेरा बन चुकी थी. 4 सितंबर को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छठी कक्षा की 12 साल की छात्रा अपनी महिला शिक्षिका के सामने सिसकियां लेते हुए फूट पड़ी. उसकी कलाई पर गहरे घाव के निशान थे, जो उन्होंने घरेलू जुल्म से तंग आकर खुद लगाए थे.
स्कूल प्रिंसिपल ने खुद को नुकसान पहुंचाने पर निष्कासन की धमकी दी थी, तो बच्ची ने शिक्षिका से स्कूल में रहने की विनती की और अपनी व्यथा बयां की. उसने टीचर को बताया कि पिछले दो साल से उसका पिता ही उसके साथ हैवानियत कर रहा है. 17 साल की बड़ी बहन तो पिछले छह साल से इस नर्क का शिकार है. पिता शराब के नशे में धुत होकर लौटता, दोनों को कमरे में घसीट ले जाता और क्रूरता की हदें पार कर देता.
विरोध पर लातें-घूंसे बरसाता, और मां के बीच-बचाव पर डंडों से पीटता. बड़ी बेटी को तो स्कूल जाने से भी रोक रखा था, घर में कैद कर दिया था. यह दर्दनाक खुलासा सुन शिक्षिका के होश उड़ गए. उन्होंने तुरंत बच्ची की मां से संपर्क किया, जिन्होंने भी सालों के अत्याचार कबूल किए. रोज रातें डर और आंसुओं में बीततीं. शिक्षिका ने बिना देर किए अधिकारियों को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई.
डीसीपी (पश्चिम) करण गोयल ने फौरन कार्रवाई की और 47 वर्षीय आरोपी पिता को गिरफ्तार कराया. पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की धारा 6 (रेप) व 10 (यौन शोषण) तथा बीएनएस की धारा 65 के तहत FIR दर्ज की. दोनों बहनों को सुरक्षित जगह पर रखा गया है और उनकी काउंसलिंग चल रही है. बच्ची की मां ने बताया कि विरोध पर पति का कहर और बेटियों का दर्द सालों से सहा जा रहा था.
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