बिहार में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं. रोहतास के मां तुतला भवानी धाम वाटरफॉल में शनिवार सुबह पानी का जलस्तर अचानक बढ़ गया. 6 लोग तेज बहाव में फंस गए. जिनको वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला. भागलपुर में गंगा और कोसी के कटाव में कई घर बह गए. भारी बारिश के बीच बिजली गिरने से पिछले 24 घंटे में 12 जिलों में 21 लोगों की मौत हुई हैं. पिछले 24 घंटे में आकाशीय बिजली से मधुबनी में 6, औरंगाबाद में 4, पटना में 2 मौत हुई है. वहीं, रोहतास, भोजपुर, जहानाबाद, सारण, कैमूर, गोपालगंज, लखीसराय, मधेपुरा और सुपौल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. सीएम नीतीश कुमार ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं.
सीएम नीतीश कुमार ने सतर्कता बरतने की अपील की
मौसम वैज्ञानिक की माने तो प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की गतिविधि सक्रिय रहेगी. इसकी वजह से कई जिलों में भारी तो कई जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने लोगों से खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतने की अपील की है. सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली बांके नदी में तेजी से कटाव हो रहा है. नदी किनारे बसे पुरन्दाहा राजवाड़ा पूर्वी पंचायत के वीरता बाजार के पास कई घरों पर संकट मंडरा रहा है.
प्रदेश की सभी नदियों में जलस्तर लगभग बढ़ा हुआ है. जल संसाधन विभाग के अनुसार, वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जल स्राव शनिवार सुबह 10 बजे 1,63,455 क्यूसेक था. जबकि दोपहर दो बजे तक 1,43,125 क्यूसेक दर्ज किया गया. गंडक नदी के वाल्मीकि नगर बैराज में गंडक का जल स्राव सुबह 10 बजे 2,51,200 क्यूसेक था, जो दोपहर दो बजे 2,33,00 क्यूसेक पहुंच गया.
लाल निशान से ऊपर बह रही महानदियां
कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि बागमती सोनाखान, डूबाधार, कटोंझा और बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर है. महानंदा नदी ढेंगरा घाट के पास लाल निशान के पार है, जबकि कोसी बलतारा में और गंडक नदी डुमरिया घाट में खतरे के निशान से ऊपर है. गंगा नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी देखी गई है. प्रमुख नदियों के लाल निशान से ऊपर बहने की वजह से कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. सीतामढ़ी के भिटामोड़-चोरौत मार्ग पर सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है.
नेपाल से लगे बिहार के कई क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान और महानंदा कई स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही हैं. उत्तर प्रदेश के जिलों बाढ़ जैसे हालात हैं. पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज के करीब 800 गांव लगातार तीसरे दिन भी बाढ़ की चपेट में हैं. शाहजहांपुर में दिल्ली-लखनऊ हाईवे लगातार दूसरे दिन बंद है. बलरामपुर में प्राइमरी स्कूल में 3 फीट तक पानी भर गया है.
बढ़ते बाढ़ के खतरे पर जल संसाधन विभाग ने दिए निर्देश
बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने सभी संबंधित इंजीनियरों को अलर्ट कर पुल, पुलियों के साथ तटबंधों और कटाव क्षेत्रों की निगरानी के निर्देश दिए हैं। इंजीनियरों को नदियों के जलस्तर के बढ़ने और घटने पर नजर रखने तथा रिसाव वाले क्षेत्रों पर निगाह रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अप्रोच सड़कों पर पड़ने वाले प्रभावों की भी सतत निगरानी रखने की बात कही गई है।