नई दिल्ली: बरेली में हाल की अशांति के बाद प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए मोबाइल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और एसएमएस जैसी सेवाओं को फिर से निलंबित कर दिया है. यह फैसला गुरुवार दोपहर 3 बजे से लागू हो गया और 4 अक्टूबर (शनिवार) दोपहर 3 बजे तक चलेगा. पिछली घटना के बाद अब तक 81 संदिग्धों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिनमें इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां और उनके दामाद भी शामिल हैं.
26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद कोतवाली इलाके की एक मस्जिद के बाहर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई. 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर को लेकर प्रस्तावित विरोध मार्च को रद्द करने के फैसले से नाराजगी भड़क उठी. भीड़ ने पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस झड़प में कई लोग और कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हो गए. उसके बाद से प्रशासन लगातार छापेमारी चला रहा है.
दशहरा उत्सव और आगामी जुमे की नमाज को ध्यान में रखते हुए बरेली समेत शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स, पीएसी और आरएएफ की टुकड़ियां तैनात हैं. ड्रोन से हवाई निगरानी की जा रही है, जबकि पड़ोसी जिलों से आने वाली अतिरिक्त फोर्स को फिलहाल रोक दिया गया है. खुफिया विभागों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. मंडलायुक्त भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि गृह विभाग की अधिसूचना के तहत यह निलंबन 48 घंटे के लिए है. विभाग के सचिव गौरव दयाल ने आदेश में स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप आदि के गलत इस्तेमाल से अफवाहें फैल सकती हैं, जो सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ सकती हैं. इसलिए शांति बनाए रखने के लिए यह जरूरी कदम है.
प्रशासन ने रामलीला, दुर्गा पूजा, मेलों और रावण दहन जैसे कार्यक्रमों के दौरान विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. मंडलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों, एसपी और अन्य अधिकारियों को चेतावनी दी कि शरारती तत्वों से सख्ती से निपटें. कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, और जिम्मेदारियां पूरी न करने पर कड़ी कार्रवाई होगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम हर संभव इंतजाम कर रहे हैं, ताकि बरेली जैसी घटना कहीं और न दोहराए."