मुंबई की आर्थर रोड जेल होगा भगोड़े मेहुल चोकसी का नया ठिकाना, भारत ने बेल्जियम को भेजी सेल की तस्वीरें, यहीं बंद था कसाब

Amanat Ansari 22 Oct 2025 04:43: PM 1 Mins
मुंबई की आर्थर रोड जेल होगा भगोड़े मेहुल चोकसी का नया ठिकाना, भारत ने बेल्जियम को भेजी सेल की तस्वीरें, यहीं बंद था कसाब

नई दिल्ली: भारत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चौकसी को प्रत्यर्पण के बाद मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखने के लिए पहली आधिकारिक तस्वीरें बेल्जियम सरकार को भेजी हैं. ये तस्वीरें बैरक नंबर 12 की हैं, जहां चौकसी को रखा जाएगा. मीडिया को प्राप्त तस्वीरों में 46 वर्ग मीटर की बैरक दिखाई गई है, जिसमें दो कमरे हैं, जिनमें निजी शौचालय और बुनियादी सुविधाएं हैं.

ये तस्वीरें चौकसी के दावों का जवाब देने के लिए भेजी गईं, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की जेलें भीड़भाड़ वाली और असुरक्षित हैं. चौकसी को मुंबई की हाई-सिक्योरिटी आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां 26/11 के आतंकी अजमल कसाब को भी रखा गया था.  

बैरक नंबर 12 में क्या-क्या है

  • बैरक में दो कमरे हैं, जिनमें शौचालय की सुविधा है.
  • चौकसी को मेडिकल जांच या कोर्ट सुनवाई के अलावा बाहर नहीं ले जाया जाएगा.
  • उनकी हिरासत न्यायिक निगरानी में होगी, न कि जांच एजेंसी के पास.

चौकसी के वकीलों ने बेल्जियम कोर्ट में दावा किया था कि भारत की जेलें खराब हालत में हैं और यहां का न्यायतंत्र स्वतंत्र नहीं है. लेकिन कोर्ट ने इन दावों को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि चौकसी ने जो रिपोर्ट दीं, वे सिख एक्टिविज्म और तिहाड़ जेल जैसे असंबंधित मामलों से जुड़ी थीं और यह साबित नहीं करतीं कि चौकसी को भारत में अन्याय या दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ेगा.

कोर्ट ने यह भी कहा कि बड़े धोखाधड़ी मामलों में मीडिया कवरेज सामान्य है और यह निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता. चौकसी यह साबित नहीं कर पाए कि उन्हें भारत में यातना, अनुचित सुनवाई या मेडिकल सुविधाओं से वंचित किया जाएगा.  भारत सरकार ने आश्वासन दिया कि चौकसी के अधिकारों और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा. आर्थर रोड जेल अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है और जरूरी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराती है.

सरकार ने कहा, "चौकसी केवल बैरक नंबर 12 में रहेंगे और उन्हें सिर्फ मेडिकल कारणों या कोर्ट सुनवाई के लिए बाहर ले जाया जाएगा. वे जांच एजेंसी के बजाय भारत की न्यायिक अदालतों के अधीन होंगे."  बेल्जियम कोर्ट के इस आदेश ने चौकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ कर दिया है, और उनके राजनीतिक उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन के दावों को खारिज कर दिया गया है.

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