नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक विकास को दी नई रफ्तार, वक्फ संपत्तियों का होगा कायाकल्प

Global Bharat 30 Jun 2025 10:38: PM 2 Mins
नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक विकास को दी नई रफ्तार, वक्फ संपत्तियों का होगा कायाकल्प
  • नीतीश कुमार का अल्पसंख्यक एजेंडा, मदरसों से मार्केट कॉम्प्लेक्स तक विकास की लहर
  • बिहार में वक्फ जमीनें बनीं आत्मनिर्भरता की नींव, सरकार ने बदली तस्वीर और तक़दीर
  • वोट बैंक नहीं, हक की राजनीति: नीतीश के नेतृत्व में अल्पसंख्यक योजनाओं का असली विस्तार
  • अल्पसंख्यकों को मिला विकास का अधिकार, नीतीश सरकार बना रही सशक्त समाज का मॉडल

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समाज के समावेशी विकास की जो मिसाल पेश की गई है, वह न सिर्फ सामाजिक न्याय बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता का भी आदर्श बन चुकी है. खास तौर पर वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और विकास को लेकर चल रही योजनाओं ने नया भरोसा जगाया है.

वक्फ संपत्तियों से आर्थिक स्वावलंबन की राह

2018-19 में शुरू की गई "बिहार राज्य वक्फ विकास योजना" अब राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आर्थिक बदलाव की आधारशिला बन चुकी है. इस योजना के अंतर्गत विवाह भवन, बहुउद्देशीय हॉल, मुसाफिरखाना और बाजार कॉम्प्लेक्स जैसे आधुनिक ढांचों का निर्माण वक्फ जमीनों पर तेजी से हो रहा है. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में सीवान और भागलपुर जिलों में ऐसे प्रोजेक्ट्स पर कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. इन संरचनाओं के निर्माण से समुदाय को जहां सुविधाएं मिल रही हैं, वहीं आय सृजन के नए स्रोत भी पैदा हो रहे हैं.

21 नए आधुनिक मदरसे से होगा शैक्षणिक सुधार

वक्फ संपत्तियों के समानांतर राज्य सरकार 21 नए मदरसों की स्थापना भी कर रही है, जिनमें कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, स्वच्छ पेयजल और शौचालय जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी. यह पहल सिर्फ धार्मिक शिक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीकी शिक्षा के माध्यम से बच्चों को नई दुनिया से जोड़ने की एक ठोस कोशिश है.

बजट में 198 गुना हुई अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग

साल 2005 में जहां अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट महज ₹3.53 करोड़ हुआ करता था. वहीं, आज यह बजट 198 गुना बढ़कर प्रभावशाली स्तर पर पहुंच चुका है. इसका असर जमीनी योजनाओं में स्पष्ट दिख रहा है. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना के तहत युवाओं को ₹10 लाख तक की सहायता जिसमें 50 फीसद अनुदान और 50 फीसद ऋण दी जाती है. जिससे वे कारोबार शुरू कर सकें. छात्रावास, उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति, मदरसा अनुदान, और कब्रिस्तान की घेराबंदी जैसी योजनाएं शिक्षा, संस्कृति और सुरक्षा के बुनियादी आयामों को मजबूती दे रही है.

वोट बैंक नहीं, वास्तविक विकास

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच में अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक की बजाय विकास का भागीदार बनाना प्रमुख है. अल्पसंख्यक विकास रथ जैसे नवाचारी अभियानों के जरिए योजनाओं की जानकारी दूरदराज के गांवों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे हजारों युवाओं और महिलाओं को वास्तविक लाभ मिला है.

वक्फ की सुरक्षा के लिए सरकार सतर्क

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने स्पष्ट किया है कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. अतिक्रमण पर कठोर कार्रवाई हो रही है और विकास के जरिए इन ज़मीनों को समुदाय की ताक़त में बदला जा रहा है.

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