दिल्ली: आज भारतीय सिनेमा ने उस सितारे को खो दिया है, कभी जिसके नाम से बॉलिवुड की पहचान होती थी. 1937 में पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन उनकी फिल्मों और गानों ने लोगों के बीच देशभक्ति का अलग ही क्रेज पैदा किया था, आज मनोज कुमार के 4 सबसे ज्यादा फेमस देशभक्ति से भरे गानों के बारे में हम आपको बताने वाले हैं.
मेरा रंग दे बसंती चोला
1965 में मनोज कुमार की फिल्म आती है शहीद, इस मूवी को शहीद भगत सिंह के जीवन पर बनाया गया था. वैसे तो इस मूवी के सभी गाने सुपर हिट थे. लेकिन “मेरा रंग दे बसंती चोला” गाना हर भारतीय की जुबान पर था. खुद प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने शहीद मूवी की तारीफ की थी. उसके बाद भी शहीद भगत सिंह पर जितनी भी फिल्म बनी हैं, हर मूवी में ये गाना फिल्माया जाता है.
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं
साल 1970 में एक फिल्म रिलीज होती है, जिसका नाम था पूरब और पश्चिम. इस मूवी के रिलीज होते ही एक गाना पूरे भारत की जुबान पर होता है. ये गाना था “है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां का गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं”. इस गाने ने लोगों के अंदर देशभक्ति की अलग ही भावना पैदा की थी.
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
1967 में मनोज कुमार की फिल्म उपकार में एक गाना दिया जिसके बोल थे “मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती”. ये गाना आज भी हिंदुस्तान के लोगों के जेहन में ताजा रहता है. गायक महेंद्र कपूर ने इस गाने को अपनी आवाज दी थी. उपकार फिल्म का ये गाना पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे जय जवान जय किसान से प्रेरित था.
जिंदगी की ना टूटे लड़ी
साल 1981 में मनोज कुमार की एक और सुपरहिट मूवी आती है, जिसका नाम था क्रांति. इस फिल्म ने एक बार फिर लोगों के अंदर देशभक्ति की आग को ताजा कर दिया था. इसी मूवी का एक गाना था जिंदगी की ना टूटे लड़ी, जो उस समय बहुत बड़ा हिट हुआ था. इस गाने की एक लाइन तो हर भारतीय की जुबान पर रहती थी. “उन आंखों का हंसना भी क्या जिन आंखों में पानी ना हो, वो जवानी, जवानी नहीं जिसकी कोई कहानी ना हो”
जब सिगरेट पीने पर लड़की ने डांटा
ये तो वो गाने थे जिन्होंने मनोज कुमार को हर भारतीय के बीच भारत कुमार बना कर स्थापित कर दिया, लेकिन उनके जीवन का एक और दिलचस्प किस्सा है जिसने मनोज की जिंदगी ही बदल कर रख दी थी. अपने एक इंटरव्यू के दौरान खुद मनोज कुमार ने बताया था कि “एक समय मुझे सिगरेट पीने का बेहद शौक था, मैं खुले में सिगरेट पी रहा था, तभी एक युवा लड़की मेरे पास आती है, और बोलती है कि आप भारत हो और ऐसे सिगरेट पीते हो शर्म नहीं आती. उस दिन के बाद से मैंने खुले में सिगरेट पीना छोड़ दिया था. तभी मुझे इस नाम का महत्व भी समझ में आया”