योगी सरकार के हाथ से कैसे बच गए अब्बास अंसारी? जमानत देने वाले जस्टिस समीर कौन हैं?

Abhishek Shandilya 20 Aug 2025 04:09: PM 3 Mins
योगी सरकार के हाथ से कैसे बच गए अब्बास अंसारी? जमानत देने वाले जस्टिस समीर कौन हैं?
  • सुप्रीम कोर्ट ने आज़म के भाषण को माना था हेट स्पीच,हाईकोर्ट को नहीं लगा अब्बास का भाषण नफरती!
  • अधिकारियों की दो धमकी, अखिलेश भैया CM बनेंगे तब बताऊंगा! आज़म तो मां की कोख तक पहुंच गए!

नई दिल्ली: UP का जिला मऊ, यहां की सीट से मुख्तार अंसारी का बेटा विधायक था! हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाई तो मुसलमानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी! समाजवादी पार्टी इसे योगी आदित्यनाथ की हार कहने लगी, दावा किया जाने लगा कि अच्छा हुआ हाईकोर्ट तो है...नहीं तो योगी अब्बास अंसारी को आज़म ख़ान बना देते! अब इस फैसले को समझेंगे, वकील का दावा क्या है? क्या सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी? या अब्बास योगी के चंगुल से बच गए? सबसे पहले पूरा केस समझिए!

बात 3 मार्च, 2022 की है. अब्बास ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली की. इसमें कहा- यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं. अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं. सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी. जो है, वह यहीं रहेगा. जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब-किताब यहां देना पड़ेगा.

इस बयान के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी. 4 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी. इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था.

इन पर IPC की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं.

मऊ कोर्ट ने सज़ा सुनाई, फिर हाईकोर्ट में याचिका डाली गई, मऊ कोर्ट में जस्टिस डॉक्टर केपी सिंह ने सजा सुनाई थी...हालांकि हाईकोर्ट ने दो साल की सज़ा पर रोक लगी दी है! जस्टिस समीर जैन की सिंगल डिविजन बेंच ने ये फैसला सुनाया है. अब्बास अंसारी की ओर से एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा, जबकि यूपी सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी ने दलीलें पेश की.

यानि अब अब्बास अंसारी की सीट पर उपचुनाव नहीं होगा! हालांकि ये पहला मौका नहीं है, इसके पहले गैंगस्टर एक्ट में चार साल की सज़ा उनके ताऊ अफजाल को भी सुनाई गई थी, तब उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सज़ा पर रोक लगाई तो अफजाल की सीट बच गई, ठीक वैसा ही अब्बास के साथ हुआ! हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद UP के अधिकारियों में चर्चा हैं कि ऐसे तो नेताओं का मनोबल बढ़ेगा, अब्बास ने खुली धमकी अधिकारियों को दी थी, जैसे आज राहुल गांधी चुनाव आयोग के अधिकारियों को जेल में डालने की धमकी दे रहे हैं, ठीक ऐसा ही अब्बास ने किया था!

अब्बास ने तो ये तक कह दिया था अखिलेश भैया को CM बनने दीजिए, देख लूंगा सबको! अधिकारियों को 6 महीने यहां रहना होगा. यहां उन्हें हम बताएंगे काम कैसे करते हैं! हालांकि सीट पर उपचुनाव तो नहीं होगा लेकिन अब्बास अंसारी को पूरी राहत योगी सरकार देने के मूड में नहीं है! आज़म ख़ान ने तो IAS की मां पर हमला बोल दिया था, उनका जेल जाना तय हो गया था...हालांकि अब्बास अंसारी को हाईकोर्ट से राहत मिली है...पर उन्हें ध्यान रखना होगा, सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा सरकार के लिए हमेशा खुला रहेगा!

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