पूर्व मंत्री व विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या के केस की जांच कर रही IPS काम्या मिश्रा ने नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया है. वह दरभंगा ग्रामीण की पुलिस अधीक्षक थी. बताया जा रहा है कि उसने एक साल पहले ही नौकरी छोड़ने के लिए आवेदन दे दिया था. हाल ही में उसे मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के मामले में एसआईटी प्रमुख बनाया गया था. इन्हीं के नेतृत्व में हत्याकांड का खुलासा हुआ था.
बता दें कि 2019 बैच की आईपीएस अधिकारी मिश्रा पिछली बार दरभंगा के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर तैनात थीं. उन्होंने सोमवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. राज्य सरकार को पत्र लिखकर वीआरएस मांगा और कहा कि वह अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए अपनी नौकरी छोड़ना चाहती हैं.
20 साल पूरे होने से पहले सेवा समाप्त करने का यह निर्णय उन्हें किसी भी सेवानिवृत्ति लाभ से वंचित करेगा. बिहार सरकार ने अभी तक इस संबंध में अंतिम निर्णय नहीं लिया है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि काम्या मिश्रा ने आईपीएस से इस्तीफा दे दिया है, सरकार प्रक्रिया का पालन करने और उनका इस्तीफा स्वीकार करने में कुछ समय लेगी.
ग्रामीण एसपी (दरभंगा) के रूप में अपनी वर्तमान पोस्टिंग के दौरान, उन्होंने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की सनसनीखेज हत्या के मामले को सुलझाने के लिए एसआईटी टीम का नेतृत्व किया. 16 जुलाई को दरभंगा जिले के बिरौल ब्लॉक में उनके पैतृक घर पर बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी थी.
ओडिशा की मूल निवासी काम्या मिश्रा ने यूपीएससी सीएसई में सफलता प्राप्त की और 22 वर्ष की आयु में अखिल भारतीय रैंक 172 प्राप्त की. शुरुआत में, उन्हें हिमाचल कैडर आवंटित किया गया था. बाद में उन्हें बिहार कैडर में स्थानांतरित कर दिया गया. उन्होंने अपराध जांच विभाग में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी), एएसपी (सदर) और एएसपी (सचिवालय) के रूप में कार्य किया. वह शुरू में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में तैनात थीं.