उत्तराखंड में लिव-इन में रहने वालों को करना होगा यह काम, पापा-मम्मी की भी लेनी पड़ेगी इजाजत, नहीं तो...

Global Bharat 15 Jan 2025 02:22: PM 1 Mins
उत्तराखंड में लिव-इन में रहने वालों को करना होगा यह काम, पापा-मम्मी की भी लेनी पड़ेगी इजाजत, नहीं तो...

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. अब यदि कोई व्यक्ति लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहता है, तो उसे अपने माता-पिता से अनुमति प्राप्त करनी होगी और इस रिश्ते का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. इससे राज्य में पारिवारिक विवादों को सुलझाने और नागरिकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी.  

इसके साथ ही इस रजिस्ट्रेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करना जरूरी होगा. यह व्यवस्था 26 जनवरी से लागू हो रही यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के तहत की गई है. राज्य सरकार का उद्देश्य इस कदम से नागरिकों को समान कानूनी अधिकार देना है, ताकि पारिवारिक विवादों में पारदर्शिता बनी रहे और उनका त्वरित समाधान हो सके. इस नए कानून के तहत लिव-इन रिलेशनशिप को अब कानूनी मान्यता प्राप्त होगी और इसके पंजीकरण एवं समाप्ति की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी.

उत्तराखंड सरकार ने इस व्यवस्था के अंतर्गत एक यूसीसी पोर्टल की शुरुआत की है, जिससे नागरिकों को शादी, तलाक, लिव-इन पंजीकरण, वसीयत, उत्तराधिकार और अन्य कानूनी मामलों में सहायता मिलेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार ने अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है ताकि वे इस पोर्टल और नई व्यवस्था से पूरी तरह से अवगत हो सकें.

लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के मामले में किसी तीसरे पक्ष द्वारा आपत्ति जताने पर वह शिकायत दर्ज कर सकता है. इस संदर्भ में एक उप-पंजीयक को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो विवादों और गलत सूचनाओं का सत्यापन करेगा. इस व्यवस्था से पारिवारिक विवादों का समाधान जल्द और प्रभावी तरीके से किए जाने की उम्मीद है. उत्तराखंड सरकार का यह कदम यूनीफॉर्म सिविल कोड के अंतर्गत सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से उठाया गया है. 

Uttarakhand Government live-in relationship UCC Uniform Civil Code

Description of the author

Recent News