नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के एक चार मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, अभी भी करीब 12 लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं. बचाव कार्य तेजी से चल रहा है. पुलिस ने बताया कि इस हादसे में अब तक 14 लोगों को मलबे से निकाला गया है. इन्हें जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां चार लोगों को मृत घोषित कर दिया गया. यह हादसा सुबह 3:02 बजे हुआ.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दमकल विभाग, और दिल्ली पुलिस की टीमें मौके पर बचाव कार्य में जुटी हैं. एक वरिष्ठ एनडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि मुस्तफाबाद की तंग गलियों में भारी मशीनें ले जाना मुश्किल हो रहा है, जिससे मलबा हटाने में परेशानी हो रही है. अभी भी 12 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इमारत ढहने की वजह क्या थी. अभी तक हादसे का सटीक कारण सामने नहीं आया है.
स्थानीय विधायक ने लगाया आरोप
मुस्तफाबाद के बीजपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने इस हादसे के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि उन्होंने दो महीने पहले चेतावनी दी थी कि अवैध निर्माण को मंजूरी देने से भविष्य में हादसे हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अवैध इमारतों को अनुमति देकर उन्होंने इस आपदा को न्योता दिया."
सीसीटीवी में कैद हुआ हादसा
एक स्थानीय निवासी द्वारा शेयर किए गए सीसीटीवी फुटेज में हादसे का सटीक पल रिकॉर्ड हुआ है. फुटेज में दिखता है कि शनिवार सुबह करीब 2:30 बजे इमारत ढहने के बाद तेज हवा और धूल का गुबार गली में फैल गया.
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