नई दिल्ली: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. यह घटना 4 मई 2025 को जयपुर में विधायक के आधिकारिक आवास पर हुई. एसीबी के महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरदा ने बताया कि पटेल ने करौली जिले के तोड़ाभीम क्षेत्र में खनन पट्टों से जुड़े तीन सवाल विधानसभा में न उठाने के बदले एक खदान मालिक से 10 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी. बाद में यह सौदा 2.5 करोड़ रुपए में तय हुआ. यह राजस्थान में पहली बार है जब किसी मौजूदा विधायक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है.
रिश्वत का सौदा और एसीबी की ट्रैप
दरअसल, 4 अप्रैल 2025 को खदान मालिक रविंद्र सिंह ने एसीबी को शिकायत दी थी कि विधायक जयकृष्ण पटेल उनसे खनन से जुड़े सवाल हटाने के लिए घूस मांग रहे हैं. शुरुआत में पटेल ने 10 करोड़ रुपए मांगी थी, लेकिन बातचीत के बाद यह रकम 2.5 करोड़ रुपए में तय हुई. इन रुपयों को किस्तों में देने की बात हुई. पहली किस्त के रूप में खदान मालिक ने बांसवाड़ा में विधायक को 1 लाख रुपए दिए, जिसकी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग एसीबी ने की. इसके बाद, दूसरी किस्त के रूप में 20 लाख रुपए देने के लिए खदान मालिक को 4 मई को विधायक के जयपुर स्थित आवास पर बुलाया गया था.
एसीबी ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से इजाजत लेकर ट्रैप लगाया. जैसे ही पटेल ने 20 लाख रुपए लिए, एसीबी ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया. हालांकि, पटेल ने पैसे एक सहयोगी को दे दिए, जो नकदी लेकर भाग गया. मेहरदा ने बताया कि सहयोगी की तलाश जारी है, लेकिन पटेल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. उनके हाथों पर रासायनिक रंग का टेस्ट पॉजिटिव आया, और ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है.
जयकृष्ण पटेल कौन हैं?
जयकृष्ण पटेल बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा सीट से विधायक हैं. वे 2024 में हुए उपचुनाव में बीएपी के टिकट पर जीते थे, जब कांग्रेस के पूर्व विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने बीजेपी जॉइन कर सीट छोड़ी थी. पटेल ने बीजेपी के सुबाष तांबोलिया को 51,000 वोटों से हराया था. बीएपी 2023 में गुजरात की भारतीय ट्राइबल पार्टी से अलग होकर बनी थी और यह आदिवासी हितों, भिल समुदाय के लिए अलग राज्य और शिक्षा-रोजगार में 75% आरक्षण की मांग करती है. पार्टी के पास राजस्थान विधानसभा में चार विधायक और एक लोकसभा सांसद हैं.
नेताओं की प्रतिक्रिया
इस घटना पर राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने कहा, "यह घटना पूरे राजनीतिक नेतृत्व के लिए चिंता और आत्ममंथन का विषय है." बीएपी के संयोजक और बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोट ने इसे बीजेपी की साजिश बताते हुए कहा, "हमें पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन अगर पटेल दोषी हैं, तो पार्टी कार्रवाई करेगी." राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौर ने इस कांड को "राजस्थान की साफ छवि पर दाग" बताया और कहा कि "ऐसे भ्रष्ट लोग राजनीति में नहीं होने चाहिए."
आगे की कार्रवाई
पटेल को गिरफ्तारी के बाद एसीबी मुख्यालय ले जाया गया, जहां उनसे पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई. एसीबी उनके आवास के आसपास की सीसीटीवी फुटेज भी जांच रही है. यह भी सवाल उठ रहा है कि पटेल का करौली के खनन से क्या हित था, क्योंकि यह उनकी विधानसभा से सैकड़ों किलोमीटर दूर है. एसीबी का कहना है कि जांच में और खुलासे हो सकते हैं. यह मामला राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा सकता है, खासकर जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं.