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नई दिल्ली: महाशिवरात्रि पर्व पर संगम में स्नान के साथ ही साल का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ समाप्त हो गया. यह आयोजन कई मायने में एतिहासिक रहा. देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने प्रयागराज की यात्रा की और इसके चलते कई कीर्तिमान बने. एक अनुमान के मुताबिक महाकुंभ में तकरीबन 60 करोड़ लोगों ने श्रद्धा की डुबकी लगाई. इसके साथ ही महाकुंभ में एक और कीर्तिमान स्थापित हुआ. वह है किसी भी धार्मिक आयोजन में सबसे अधिक लोगों में मुफ्त महाप्रसाद के वितरण का. यह अनोखा कीर्तिमान अदाणी समूह और इस्कॉन ने मिलकर स्थापित किया है.

50 लाख श्रद्धालुओं में बांटा गया 11 लाख किलो महाप्रसाद
इस्कॉन के प्रवक्ता के मुताबिक महाकुंभ के दौरान 50 लाख श्रद्धालुओं में 11 लाख किलो महाप्रसाद का वितरण किया गया. यह दुनिया के किसी भी धार्मिक आयोजन में मुफ्त वितरित भोजन का कीर्तिमान है. बता दें कि महाकुंभ 2025 में अदाणी समूह और इस्कॉन ने महाकुंभ श्रद्धालुओं की सेवा के लिए हाथ मिलाया था. अदाणी समूह की तरफ से प्रतिदिन 1 लाख लोगों में महाप्रसाद के वितरण का संकल्प लिया गया था. महाकुंभ में 50 लाख लोगों को मुफ्त महाप्रसाद वितरित किया गया.
3 लाख किलो चावल और 2 लाख किलो से ज्यादा दाल की खपत
इस्कॉन प्रवक्ता ने बताया कि इस आयोजन के दौरान भारी मात्रा में खानपान की सामाग्री की खपत हुई. प्रवक्ता के मुताबिक महाप्रसाद को बनाने में ढाई लाख किलो सब्जी, 2 लाख 25 हजार किलो दाल, 3 लाख किलो चावल और 2 लाख 25 हजार किलो दाल की खपत हुई. इसके अलावा 1 लाख 75 हजार किलो आटे और 33 हजार लीटर देसी घी का इस्तेमाल भी किया गया. इसमें से ज्यादातर सामान प्रयागराज के लोकल व्यापारियों से ही खरीदा गया जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली.

सेवा में लगाए लाखों घंटे
इस्कॉन के प्रवक्ता ने बताया कि इस सेवाकार्य में स्वंम सेवकों ने 36 लाख काम के घंटे लगाए. सेवा करने वालों में देश-विदेश से लोग आए और उन्होंने प्रसाद निर्माण और वितरण की प्रक्रिया में हिस्सा लिया. इसमें अदाणी समूह के वे 5000 कर्मचारी भी शामिल हैं जिन्होंने महाकुंभ में आकर श्रद्धालुओं की सेवा की. अदाणी समूह ने अपने कर्मचारियों को कुंभ में जाकर सेवा करने का अनुपम मौका दिया था. 5000 कर्मचारियों ने महाकुंभ में जाकर अपनी सेवाएं दीं. समूह इसे अपने कर्मचारियों के बीच सेवाभाव विकसित करने के एक मौके की तरह देखता है.

इस बार अदाणी समूह की तरफ से महाकुंभ में व्यापक स्तर पर सहयोग एवं सेवा देखने को मिली. समूह ने इस्कॉन के अलावा देश के सबसे पुराने धार्मिक एवं आध्यात्मिक प्रकाशन गीताप्रेस गोरखपुर से हाथ मिलाया. गीताप्रेस के साथ मिलकर अदाणी समूह ने 1 करोड़ आरती संग्रह का वितरण लिया था. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने 21 जनवरी 2025 को अपने परिवार के साथ इस्कॉन में प्रसाद सेवा एवं आरती संग्रह वितरण में हिस्सा लिया.