दिल्ली आईजीआई के टी-1 का हिस्सा गिरने के एक दिन बाद गुजरात में राजकोट के हवाई अड्डे का एक हिस्सा गिर गया है. दुर्घटना के समय कोई भी यात्री मौजूद नहीं था और किसी भी यात्री के घायल होने की सूचना नहीं आई. इन दो घटनाओं के आने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी छोटे बड़े हवाई अड्डों की जांच के आदेश दिए हैं.
राजकोट एयरपोर्ट के एक अधिकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा है कि भारी बारिश के कारण आज सुबह करीब 12 बजे टर्मिनल बिल्डिंग के कैनोपी की तरफ पानी जमा हो गया था, जिससे कैनोपी का एक हिस्सा टूटकर गिर गया. इस घटना में किसी के हताहत या घायल होने की खबर नहीं है.
प्रबंधन की ओर से मलबे को हटाना शुरू कर दिया गया है. इस घटना को लेकर अब गुजरात कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. राज्य सरकार की आलोचना करते हुए गुजरात के कांग्रेस अध्यक्ष शाक्ति सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 महीने पहले एयरपोर्ट का उद्धाटन किया था और अभी ही इसकी कैनोपी टूटकर गिर गई है.
उन्होंने कहा है कि यह घटना दर्शाता है कि इस कार्य में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और बिना रोक टोक के अभी भी जारी है. उन्होंने कहा है कि गनीमत रही कि हादसे के वक्त कोई नीचे नहीं था, लेकिन अगर यहां किसी की मौत हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता.
बता दें कि इससे पहले दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल नंबर 1 की छत का एक हिस्सा वहां खड़ी गाड़ियों पर गिर गया था, जिससे कई कारें क्षतिग्रस्त हो गई थी और एक कैब ड्राइवर की दबने के कारण मौत हो गई. वहीं कई लोग घायल भी हो गए. हादसे के बाद कई विमानों का परिचालन भी बाधित हो गया था.