नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक वैवाहिक विवाद के सुनवाई के दौरान कड़ी चेतावनी जारी की, जब पत्नी ने एक साल पुरानी शादी खत्म करने के लिए 5 करोड़ रुपए की मांग की. बेंच ने दोनों पक्षों को सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर लौटने का निर्देश दिया ताकि और समझौते की चर्चा हो सके, और चेतावनी दी कि ऐसी मांगें बरकरार रहने पर अदालत बहुत कठोर आदेश जारी कर सकती है.
बेंच ने नोट किया कि शादी मुश्किल से एक साल चली है और पत्नी की ऊंची वित्तीय मांग पर चिंता जताई. जस्टिस पारदीवाला ने पति के वकील से कहा, "उसे वापस बुलाने की गलती करोगे. तुम उसे रख नहीं पाओगे. सपने बहुत बड़े हैं. अदालत ने 5 करोड़ रुपये की मांग को अनुचित बताया और कहा कि ऐसी स्थिति प्रतिकूल आदेशों को आमंत्रित कर सकती है.
जस्टिस पारदीवाला ने कहा, "हम दोनों पक्षों को समझौते के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर वापस जाने का निर्देश देते हैं. हमें बताया गया है कि पत्नी ने शादी भंग करने के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि मांगी है. पक्षकारों के बीच वैवाहिक जीवन मुश्किल से एक साल का है."
जज साहब ने आगे कहा, "अगर पत्नी का रवैया ऐसा ही रहा, तो हमें कुछ ऐसे आदेश पारित करने पड़ सकते हैं जो उसे पसंद न आएं. सही? हम पत्नी से अपेक्षा करते हैं कि वह उचित मांग रखे और इस मुकदमे का अंत करे." अदालत के समक्ष पेश सबमिशन के अनुसार, पति एक इंजीनियर हैं जो अमेजन में नौकरी करते हैं, और उन्होंने कानूनी विवाद समाप्त करने के लिए पूर्ण और अंतिम निपटारे के रूप में 35 से 40 लाख रुपए की पेशकश की है. हालांकि, पत्नी ने यह पेशकश ठुकरा दी.
अदालत ने दोनों पक्षों को 5 अक्टूबर को सुबह 11.30 बजे सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर में हाजिर होने का कहा है. मीडिएशन रिपोर्ट जमा होने के बाद मामले को दोबारा सुनवाई के लिए लिया जाएगा. सुनवाई के दौरान पत्नी के वकील ने बेंच को सूचित किया कि पिछली मीडिएशन प्रयास विफल रहे थे. अदालत ने विफलता के कारणों पर सवाल उठाए और पत्नी से समाधान के लिए अधिक उचित रुख अपनाने का आग्रह किया.