Air Chief Marshal: दिल्ली में CII का वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन हो रहा था, इस दौरान मंच पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे और माइक वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह के हाथों में था, तभी एयर चीफ मार्शल ऐसा कुछ बोलते हैं जिससे राजनाथ सिंह भी थोड़े असहज भी दिखे, दरअसल अमर प्रीत सिंह का गुस्सा इस बात पर फूटा कि सेना को जो वादे किये जाते हैं उन्हें समय पर पूरा क्यों नहीं किया जाता है, इसके लिए उन्होंने कई डिल्स गिनवाईं, जिनमें एयरफोर्स को विमान अब तक मिल जाने चाहिए थे, लेकिन 1 साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी एक भी विमान सेना को नहीं मिला है. एयर चीफ मार्शल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कई बार तो ऐसा होता है कि हमें अनुबंध पर साइन करेत समह ही पता होता है कि ये सिस्टम कभी आएंगे नहीं.
मीडिया के सामने ही कई अनुबंध गिनाए
दरअसल एयर चीफ मार्शल की नाराजगी इन सौदों की टाइमलाइन को लेकर थी, उनका कहना था कि एक भी प्रोजेक्ट ऐसा नहीं है जो समय रहते पूरा हुआ हो, जब समय पर प्रोजक्ट पूरा नहीं हो सकता तो फिर वादा क्यों किया जाता है? सिंह ने बताया कि लाइट कॉम्बैक्ट एयरक्राफ्ट (LCA) प्रोजेक्ट के तहत अभ तक 83 तेजस Mk-1A फाइटर जेट की डिलीवरी अभी तक रुकी हुई है, जबकि मार्च 2024 में इसकी डिलीवरी शुरू होने वाली थी. फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48 हजार करोड़ का ये सौदा किया गया था. लेकिन 1 साल से भी ज्यादा समय बीतने के बावजूद अभी तक एक भी विमान भारतीय वायुसेना को नहीं मिला है. इसके अलावा तेजस Mk-2 का प्रोटोटाइप भी अभी तक रोल आउट नहीं किया गया है, स्टील्थ AMCA फाइटर का भी प्रोटोटाइप अभी तक नहीं है.
विश्वास जरूरी होता है
अमर प्रीत सिंह ने कहा है कि सेना और उद्योग के बीच विश्वास जरूरी होता है. हम सिर्फ भारत में उत्पादन की बात नहीं कर सकते, हमें इसके डिजाइनिंग के बारे में भी तो बात करनी चाहिए, बता दें कि इस बयान को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि भारत सरकार आत्मनिर्भरता और स्वेदेशीकरण की तरफ तेजी से जोर देने की बात कर रही है. इस दौरान सिंह ने ये भी दावा किया कि भविश्य के लिए हमें अभी से तैयारी करने में जुटना होगा, अगले 10 साल में हमें उद्योग से काफी अधिक उत्पादन मिलने वाला है, लेकिन हमें आज जो चाहिए वो आज ही चाहिए. इसीलिए ये जरूरी है कि हम आज अपने काम को एक साथ करने में जुट जाएं, क्योंकि युद्ध सेनाओं को सशक्त बना कर जीते जाते हैं.