नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए होगी, जिसमें जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी शामिल होंगे. बैठक का मुख्य उद्देश्य पहलगाम के बायसन क्षेत्र में पर्यटकों पर हुए हमले की स्थिति की समीक्षा करना और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की रणनीति तैयार करना है. बता दें कि पर्यटकों पर हुए इस हमले में 10 से ज्यादा पर्यटकों के घायल होने की खबर है और 2 व्यक्ति के मौत की जानकारी मिल रही है.
पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, में यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक बायसन क्षेत्र में ट्रैकिंग कर रहे थे. सूत्रों के अनुसार, छिपे हुए आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे दो पर्यटकों को गोलियां लगीं. घायल पर्यटकों को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है. बाकी पर्यटक सुरक्षित हैं, लेकिन घटना से क्षेत्र में दहशत फैल गई. यह हमला उस क्षेत्र में हुआ, जहां आमतौर पर सुरक्षा व्यवस्था कम होती है, क्योंकि यह ट्रैकिंग के लिए एक लोकप्रिय पहाड़ी मार्ग है.
पुलिस और सुरक्षाबलों की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे. कश्मीर जोन पुलिस के आईजी वीके बिरदी भी घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. पुलिस ने इलाके को सील कर दिया है और आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. अभी तक हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और अधिकारियों के बयान का इंतजार है. प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि हमलावर स्थानीय आतंकी समूहों से जुड़े हो सकते हैं.
पहलगाम में पर्यटन और सुरक्षा
पहलगाम जम्मू-कश्मीर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां हर साल हजारों पर्यटक बर्फबारी, ट्रैकिंग और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं. मार्च में हुई भारी बर्फबारी के बाद इस साल पर्यटकों की संख्या में खासी वृद्धि देखी गई थी. हालांकि, यह हमला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, खासकर उन इलाकों में जहां पर्यटक बिना भारी सुरक्षा के घूमते हैं.
प्रतिक्रिया और चिंताएं
इस घटना ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों में डर का माहौल पैदा कर दिया है. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इस हमले को धारा 370 हटने के बाद की स्थिति से जोड़ा, हालांकि यह दावा अभी असत्यापित है. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से इस मामले में त्वरित कार्रवाई और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठ रही है.